उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र शुरू किया, जिसमें नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और बडगाम जिले के चरार-ए-शरीफ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक अब्दुल रहीम राथर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया. विपक्षी दल ने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया, इसलिए राथर (80) को ध्वनि मत से चुना गया.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को PDP विधायक वहीद पारा ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें आर्टिकल 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा फिर से बहाल करने की मांग की गई है, इसके विरोध में भाजपा के विधायकों ने हंगामा भी किया. वहीद पारा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को फिर से विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए और आर्टिकल 370 को फिर से लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए, जो फिलहाल दिल्ली की तरह एक केंद्र शासित प्रदेश है.
भाजपा ने सभी 28 एमएलए सीटों पर इस प्रस्ताव का तीखा विरोध किया. भाजपा विधायक शाम लाल शर्मा ने मांग की कि वहीद पारा को निलंबित किया जाए क्योंकि उन्होंने ऐसा प्रस्ताव लाकर सदन के नियमों का उल्लंघन किया है. इस दौरान स्पीकर अब्दुल रहीम राठर बार-बार अपील करते रहे कि सभी विधायक अपनी सीटों पर बैठ जाएं, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी. स्पीकर ने कहा कि अभी यह प्रस्ताव मेरे पास नहीं आया है. इसे पढ़ने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.
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5 अगस्त 2019 को, केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने का निर्णय लिया था, साथ ही जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने और लद्दाख को अलग करने का प्रस्ताव भी संसद में पेश किया गया था. भाजपा के विधायकों ने लगातार हंगामा करते रहे तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक भी वेल में आ गए.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “फर्स्ड डे, फर्स्ट शो, हमें मालूम था कि मेंबर्स की तरफ से किस तरीके से तैयारी की जा रही है. हमें उम्मीद थी कि आज स्पीकर के चुनाव और शोक संदेश दिया जाएगा, लेकिन मुबारकबाद पेश करने की बजाय इस तरह बढ़ रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा यहां के लोगों के जज्बात को दर्शाता है.
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उन्होंने कहा, “हकीकत है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 5 अगस्त 2019 के फैसलों पर अपना मुहर नहीं लगाया है. अगर लगाया होता तो नतीजे अलग होते. हाउस में किस तरीके से बात होगी, आगे जाकर प्राइवेट मेंबर बिल में जो लाना चाहते हैं लाएं, लेकिन इस सत्र में क्यों नहीं होगा, ये सरकार तय करेगी स्पीकर की इजाजत के साथ. आज प्रस्ताव लाया गया है, इसका कोई महत्व नहीं है. इसका सिर्फ कैमरों को दिखाने का मकसद है.
अब्दुल रहीम राथर बने विधानसभा के अध्यक्ष
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के 5 दिवसीय सत्र के पहले दिन, कृषि मंत्री जावेद अहमद डार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और 7 बार के विधायक अब्दुल रहीम राथर (80) को अध्यक्ष पद के लिए नामित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका नेकां के विधायक रामबन अर्जुन सिंह राजू ने समर्थन किया विपक्षी दल ने चुनाव नहीं लड़ा, अब्दुल रहीम राथर (80) को ध्वनि मत से जम्मू-कश्मीर विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया.
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कौन हैं अब्दुल रहीम राथर?
विधानसभा का अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य एडवोकेट अब्दुल रहीम राथर को चुना , जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता हैं और 1977 से 2014 तक बडगाम जिले के चार-ए-शरीफ निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं.
80 वर्षीय राथर ने जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेताओं में से एक के रूप में काम किया है और 2014 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार गुलाम नबी लोन से हार गए थे, लेकिन 2024 के चुनावों में राथर ने लोन को हराया.
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