सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर. जिला मुख्यालय में हुए 24 अक्टूबर के बवाल का अब पटाक्षेप हो गया है. दरअसल पुलिस कस्टडी में गुरु चंद मंडल की मौत से पूरे जिले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी. प्रदेश की राजनीति भी काफी गर्म हो गई थी. पुलिस पर कई तरह के सवाल खड़ा हो रहे थे. इन सभी के बीच झारखंड राज्य के गढ़वा थाना अंतर्गत मृतक गुरु चंद मंडल की पत्नी रीना मंडल गिरी का शव कोयल नदी के किनारे 30 अक्टूबर 2024 को मिलने के बाद घटना में एक नया मोड़ आ गया. झारखंड पुलिस ने रीना मंडल के शव का शिनाख्त रीना गिरी के भाई बदला गिरी से कराया और उसकी पहचान भी रीना गिरी के रूप में ही की गई. मामला दर्ज कर गढ़वा पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में बारीकी से जांच की, जिसके बाद आज झारखंड की गढ़वा पुलिस बलरामपुर पहुंची और रीना गिरी हत्याकांड में ससुर शांति मंडल, रिश्तेदार रमेश मंडल, ललिता मंडल एवं सहयोगी बीरा लकड़ा चारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

रीना की हत्या के लिए तीस हजार में हुई थी डील

पूरे मामले में गढ़वा पुलिस ने बताया कि रीना मंडल की हत्या के लिए ससुर व पति ने 30000 रुपए की फिरौती दी थी. रिश्तेदार रमेश मंडल व उसकी पत्नी ललिता मंडल ने झारखंड पुलिस को बताया कि 30 हजार रुपए में वारदात को अंजाम देने के लिए डील हुई थी. 29 सितंबर को 18000 रुपए उन्हें प्राप्त हो गए थे. इसके बाद रमेश मंडल अपने दोस्त वीरू को फोन करके गाड़ी में रीना मंडल को बैठाकर झारखंड के गढ़वा स्थित कोयल नदी पर ले गया और हाथ पैर बांधकर नीचे फेंक दिया. उसका मोबाइल भी नदी में ही फेंक दिया था. इसके बाद लगभग 9:30 बजे वह बलरामपुर वापस भी आ गए थे. आने के बाद बचे हुए पैसे भी रमेश मंडल को प्राप्त हो गए थे.

पुलिस को गुमराह करने ससुराल पक्ष ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट

आरोपियों ने गढ़वा पुलिस को बताया कि जैसे ही रीना गिरी का अपहरण कर उसे झारखंड ले जाया गया तो प्लानिंग के तहत पति गुरुचंद मंडल को फोन कराया गया, जिसमें कहा गया कि मैं आपसे बहुत दूर जा रही हूं, मेरा चिंता मत करना, बस इतने ही बात को रिकॉर्डिंग कर लिया. इस रिकॉडिंग को 30 सितंबर की सुबह पति गुरु चरण मंडल व ससुर शांति मंडल ने कोतवाली पुलिस में रीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट के दौरान पेश किया गया और उक्त रिकॉर्डिंग को रीना गिरी के भाई-बहन व माता-पिता को भी भेज दिया गया था, ताकि बलरामपुर पुलिस और ससुराल पक्ष को भी गुमराह किया जा सके.

बलरामपुर पुलिस ने बवाल से पहले पूरी घटना से उठा लिया था पर्दा

जानकारी के अनुसार बलरामपुर पुलिस ने पूरी घटना पर बारीकी से जांच करते हुए बलरामपुर बवाल के पूर्व ही अपनी जांच पूरी कर ली थी. लगभग आरोपियों की भी पहचान कर ली थी. घटनाक्रम भी पूरी तरह से सामने आ गई थी. इसी बीच पति गुरु चंद मंडल को जब इसकी जानकारी लगी तो उसने खुद ही पुलिस थाने में आत्महत्या कर ली. आत्महत्या के बाद पूरे जिले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी. सूत्रों की माने तो अगर गुरुचंद ने पुलिस स्टडी में आत्महत्या नहीं की होती तो इस घटना से पर्दा बलरामपुर पुलिस ही उठा दिया होता. हालांकि झारखंड पुलिस ने बलरामपुर पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

लोगों ने कोतवाली में की थी तोड़फोड़, बलरामपुर पुलिस पर लगे दाग अब धुले

पूरे मामले में बलरामपुर कोतवाली में समाज के लोगों ने काफी तोड़फोड़ की थी, जिसमें थाने में लगी रेलिंग, खिड़की टूट गई थी. दरवाजे पर पत्थरबाजी भी की गई थी. तनाव की स्थिति के बीच पुलिस ने काफी मशक्कत कर मामला शांत कराया था. वहीं शासकीय संपती नुकसान व अन्य मामलों पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज भी किया है. प्रदेश स्तर पर राजनीतिक दलों के प्रमुख भी बलरामपुर पहुंचे थे व मामले में तूल देते नजर आए थे. इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी ने बताया कि रीना गिरी हत्याकांड मामले में झारखंड के गढ़वा थाना में एक एफआईआर दर्ज किया गया था, जिसमें गढ़वा के कोयल नदी में शव बरामद की गई थी. झारखंड पुलिस लगातार विवेचना कर रही थी. आज झारखंड पुलिस बलरामपुर आई थी और बलरामपुर पुलिस से सहयोग मांगा था. फिलहाल झारखंड की गढ़वा पुलिस आरोपियों की संलिप्तता के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर साथ ले गई है.