
Gold Card Visa Failed : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में दुनिया के अमीर लोगों को अपनी नई योजना के बारे में बताया. लेकिन 18 में से 13 अरबपतियों ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.
गोल्ड कार्ड वीजा के बारे में बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि दुनिया का कोई भी व्यक्ति 5 मिलियन डॉलर देकर इस कार्ड को प्राप्त कर सकता है. इसमें आपको कई सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन कई अरबपतियों को ट्रंप की यह योजना पसंद नहीं आई.
डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक, ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा 5 मिलियन डॉलर यानी करीब 40 करोड़ रुपये में मिलेगा और इस वीजा से आपको अमेरिका में स्थायी निवास और काम करने की अनुमति मिलेगी.
इस कार्ड के बारे में जानकारी देते हुए ट्रंप ने कहा, ‘अमीर लोग इस कार्ड को खरीदेंगे और हमारे देश में आएंगे, वे अमीर और सफल होंगे.’ ट्रंप ने इस कार्ड की बिक्री के जरिए अमेरिका को घाटे से उबारने की बात भी कही.
Gold Card Visa Failed : 18 में से 13 अरबपतियों को यह पसंद नहीं आया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया के सबसे अमीर लोग इस कार्ड में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. दरअसल फोर्ब्स ने अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के 18 अरबपतियों का इंटरव्यू लिया और यह बात सामने आई कि उनकी इसमें कितनी कम दिलचस्पी है.
18 में से 13 अरबपतियों ने कहा कि उन्हें गोल्ड कार्ड वीजा खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं है. वहीं, तीन अरबपति इस संबंध में कोई फैसला नहीं ले पाए. फोर्ब्स को सिर्फ दो ऐसे अरबपति मिले जिन्होंने कहा कि वे इसे खरीदने पर गंभीरता से विचार करेंगे.
Gold Card Visa Failed : 5 मिलियन से कम में हो जाएगा बिजनेस, क्यों करें इतना खर्च : अरबपति
फोर्ब्स को दिए इंटरव्यू में एक कनाडाई अरबपति ने कहा, अगर आप अरबपति हैं तो आपको इसकी जरूरत नहीं है, एक यूरोपीय अरबपति ने कहा, ‘मेरे हिसाब से अमीर लोगों के लिए इस प्रोग्राम में जाने की कोई वजह नहीं है.
वहीं, एक रूसी अरबपति ने कहा, ‘जिसके पास भी बिजनेस आइडिया है, वह अब इसे बहुत सस्ते में कर सकता है, तो 5 मिलियन डॉलर क्यों खर्च करें? 5 मिलियन डॉलर कौन देगा.
फोर्ब्स द्वारा इंटरव्यू लिए गए अरबपतियों में 7 भारतीय भी हैं. भारत की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड हॉस्पिटल चेन के चेयरमैन अभय सोई भी इस लिस्ट में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें गोल्ड कार्ड में कोई दिलचस्पी नहीं है.
अभय ने फोर्ब्स को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं भारत के अलावा किसी और देश का नागरिक नहीं बनना चाहूंगा, खास तौर पर इस सदी में.’ फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कई अमीर लोग अमेरिकी नागरिकता की जरूरत नहीं समझते और चाहते भी नहीं, वे अपना देश नहीं छोड़ना चाहते जहां उन्होंने अपना कारोबार खड़ा किया और अपने परिवार का पालन-पोषण किया.
ट्रंप का गोल्डन वीजा क्यों खारिज हुआ
अमेरिकी नागरिक न बनने की सबसे बड़ी वजह टैक्स बताई जा रही है, क्योंकि अमेरिका अपने नागरिकों की दुनिया भर से होने वाली आय पर टैक्स लगाता है, चाहे वे कहीं भी रहते हों. हालांकि, ट्रंप ने कहा है कि गोल्ड कार्ड धारकों को अमेरिका से बाहर की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
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