पुरी : महाप्रभु के लिए रखे गए पवित्र मोदकों की चोरी का आरोप लगाने वाले सेवायत हलधर दासमहापात्र ने अब अपने दावे वापस ले लिए हैं और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को क्लीन चिट दे दी है।
दासमहापात्र, जिन्होंने पहले दशमूल मोदकों के कथित गायब होने में प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की थी, उन्होंने अपना रुख बदल दिया है। अब उनका कहना है कि मंदिर के अधिकारियों की कोई गलती नहीं है।
उनके संशोधित बयान के अनुसार, कविराज सेवकों ने मंदिर के खजाने (गरदा) में 313 अप्रदत्त मोदक जमा किए थे, जिन्हें सेनापति ने छुआ तक नहीं था। हालांकि, बाद में अन्य सेवकों ने मोदक एकत्र किए, और केवल 243 ही पाए गए, जबकि 70 का कोई पता नहीं चल पाया। हालांकि विसंगति बनी हुई है, लेकिन दासमहापात्र ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि गायब वस्तुओं के लिए कौन जिम्मेदार हो सकता है।

इस विवाद ने राज्य सरकार का ध्यान खींचा, जिसके बाद कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी। मंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोई चोरी नहीं हुई है, और आगे स्पष्ट किया कि जिन मोदकों की बात हो रही है, उन्हें कभी तैयार ही नहीं किया गया था।
इस मुद्दे को अनावश्यक विवाद बताते हुए मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ दैत्य सेवक चोरी का झूठा दावा करके जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पुष्टि की कि गलत सूचना फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ जांच की जाएगी, और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले को लेकर मंदिर के भीतर और भक्तों के बीच चर्चा जारी है, जबकि अधिकारी संयम बरतने का आग्रह कर रहे हैं और चल रही जांच के निष्कर्षों का इंतजार कर रहे हैं।
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