Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के सर्जरी विभाग ने एक हैरान करने वाले मामले में 34 वर्षीय मरीज सुभाष के पेट से घड़ी, नट-बोल्ट, तावीज और लोहे के टुकड़े निकालकर उसे नया जीवन दिया। यह जटिल सर्जरी वीडियो असिस्टेड थोरेसिक सर्जरी (VATS) तकनीक के जरिए की गई, जो करीब 4 घंटे तक चली। मरीज की हालत अब स्थिर है।

नागौर जिले के रहने वाले सुभाष को डेढ़ महीने पहले पेट दर्द और खाने-पीने में तकलीफ की शिकायत के बाद परिजन SMS अस्पताल लेकर आए थे। जांच में पता चला कि सुभाष, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है, ने घड़ी, नट-बोल्ट, तावीज और लोहे के टुकड़े निगल लिए थे, जिसके कारण उसकी आहार नली (इसोफेगस) और बड़ी आंत में ये वस्तुएं फंस गई थीं। सर्जरी विभाग की यूनिट हेड डॉ. शालू गुप्ता ने बताया कि पहले एंडोस्कोपी के जरिए इन वस्तुओं को निकालने की कोशिश की गई, लेकिन यह सफल नहीं हुई।
इसके बाद VATS तकनीक का सहारा लिया गया। सर्जरी विभाग की अध्यक्ष डॉ. प्रभा ओम के नेतृत्व में 4 घंटे तक चली इस जटिल सर्जरी में डॉ. शालू गुप्ता, डॉ. फारूख खान, डॉ. अमित गोयल, डॉ. देवेंद्र सैनी, डॉ. नवेंदु अग्रवाल, डॉ. प्रवीण जोशी, डॉ. रोहन, डॉ. अनुष्का, डॉ. कंचन, डॉ. सुनील और डॉ. प्रतिभा समेत 8 सीनियर डॉक्टरों की टीम शामिल थी। इस ऑपरेशन में पेट और आंत से सभी फंसी हुई वस्तुएं सफलतापूर्वक निकाल ली गईं।
डॉ. शालू गुप्ता ने बताया कि SMS अस्पताल में इस तरह के कई मामले आते हैं, लेकिन आहार नली में घड़ी फंसने का यह पहला दुर्लभ मामला है। घड़ी ऐसी जगह फंसी थी कि एंडोस्कोपी से निकालना संभव नहीं था। समय पर सर्जरी न होने पर मरीज को संक्रमण के कारण जान का खतरा हो सकता था। VATS तकनीक के जरिए सर्जरी कर मरीज की जान बचाई गई।
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