रायपुर। बीजापुर जिले में नक्सलियों ने 3 अप्रैल से बंधक बनाकर रखे जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को छोड़ दिया है. पति की रिहाई के बाद पत्नी मीनू के खुशी जाहिर की है. मीडिया और सरकार को धन्यवाद कहा है. पत्नी और बेटी ने जवान राकेश्वर से फोन पर बातचीत की है. बेटी ने अपने पिता को जल्दी घर आने को कहा है. घर और परिवार में खुशी का माहौल है.

बेटे की रिहाई पर राकेश्वर सिंह मन्हास की मां कुंती देवी ने कहा कि हम बहुत ज्यादा खुश हैं. जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं, उनका भी धन्यवाद करती हूं. भगवान का भी धन्यवाद करती हूं. जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था, लेकिन विश्वास नहीं हो रहा था.

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5 दिन बाद लौटा जवान राकेश्वर

आज गुरुवार को 5 दिन बाद नक्सलियों ने जम्मू-कश्मीर निवासी कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को सुरक्षित छोड़ दिया है. नक्सलियों ने पहले जवान को ग्रामीणों के बीच छोड़ा, फिर वहां से ग्रामीणों ने तर्रेम थाना में जवान को सौंप दिया है.

जवान राकेश्वर की रिहाई की देखें तस्वीरें

जवान राकेश्वर की रिहाई

20 गांवों के ग्रामीणों के सामने नक्सलियों ने जवान को सुरक्षित छोड़ा है. वीडियो में भी साफ देखा जा सकता है कि भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद है. नक्सलियों ने जवान को रस्सी को कसकर बांध रखा था. उस रस्सी को ग्रामीणों की मौजूदगी में भी खोला गया.

मध्यस्थता के लिए गई थी ये टीम

सरकार की तरफ से गठित दो सदस्यीय मध्यस्थता टीम के सदस्य पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया समेत सैकड़ो ग्रामीणों की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को रिहा किया है. जवान की रिहाई के लिए मध्यस्ता कराने गई दो सदस्यीय टीम के साथ बस्तर के 7 पत्रकारों की टीम भी मौजूद थी. नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी.

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पत्नी-बेटी ने की थी अपील

जवान राकेश्वर की पत्नी और बेटी ने भी नक्सलियों से उन्हें सुरक्षित छोड़ने की अपील की थी. उन्होंने अपील की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह पाकिस्तान से अभिनंदन को छुड़ाया था, उसी तरह उनके पति को भी नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाकर लाएं.

नक्सलियों ने जवान राकेश्वर की जारी की थी तस्वीर

इससे पहले नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर सरकार से पहले निर्दिष्ट रूप से मध्यवर्तियों के नाम की घोषणा करने को कहा था. उसके बाद बंदी पुलिस जवान को छोड़ने की बात कही थी. नक्सलियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि तब तक जवान जनताना सरकार की सुरक्षा में सुरक्षित रहेगा. उसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. बुधवार को नक्सलियों ने जवान की तस्वीर भी जारी की थी.

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मुठभेड़ में 4 नक्सली हुए थे ढेर

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 4 नक्सली ढेर हुए थे. जिसमें ओड़ी सन्नी, पदाम लखमा, कोवासी बदरू और नपा सुरेश शामिल है. पुलिस ने महिला नक्सली सन्नी का शव बरामद कर लिया था. बाकी तीन नक्सलियों का जनता के बीच रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया गया.

14 हथियार, 2 हजार से अधिक कारतूस भी लूटा

नक्सलियों ने शहीद जवानों के प्रति खेद प्रकट किया था. मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने जवानों से 14 हथियार, 2 हजार से अधिक कारतूस, मोबाइल समेत अन्य सामान लूट लिया था.

मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत

बता दें कि बीजापुर जिले के टेकुलगुडम में शनिवार को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत हुई है. सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच साढ़े चार घंटे तक मुठभेड़ चली. 30 घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया है, जिनमें 13 का इलाज रायपुर और 18 का बीजापुर में चल रहा है.

12 नक्सली ढेर, जवानों से लूटे गए हथियार

बस्तर आईजी सुंदरराज पी. के मुताबिक बीजापुर मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए हैं. 16 नक्सली हताहत भी हुए हैं. नक्सलियों ने जवानों के पास से 10 हथियार लूटकर भागें है. जिसमें 7 एक-47, 2 एसएलआर और 1 एलएमजी शामिल है. इसके साथ ही 3 से 4 ट्रैक्टरों में नक्सलियों के शव ले जाते देखा गया है.

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