पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के 5 सहकारी समिति एवं 3 निजी दुकानों में बिकने वाले रसायनिक खाद के 8 सेम्पल फेल बताया गया है, कृषि विभाग के फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर द्वारा जिले भर के 60 सहकारी समिति के अलावा निजी विक्रेताओं से 140 सेम्पल लिए गए थे। इनमें से 3 निजी विक्रेताओं के अलावा सहकारी समिति देवभोग, झाखरपारा, राजिम बेलटूकरी के अलावा विपणन संघ छुरा के संग्रहण केंद्र से लिये गए रासायनिक खाद के सेम्पल को अमानक पाया गया है। रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए कृषि संचालक फागराम कश्यप ने बताया कि जिन सेंटरों में जिस लॉट का सेम्पल लिया गया है उन सभी को विधिवत भंडारण व क्रय विक्रय पर उसी समय ही प्रतिबंध कर दिया गया है.
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जांच रिपोर्ट आते तक बिक गया 3750 बोरा
जिन 5 संस्थानों में खाद के सेम्पल लिए गए थे उस लॉट में 3840 बोरा खाद मौजूद था। 25 अगस्त को सैंपल की रिपोर्ट आई,उपसंचालक ने सम्बंधित ब्लॉक के कृषि विस्तार अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश किया कि अमानक खादों के स्टॉक लेकर विक्रय प्रतिबन्धित सुनिश्चित किया जाए। लेकिन सेम्पल लेने से लेकर रिपोर्ट आने की इस लम्बी अवधि में 3750 बोरा खाद बिक चुका था। देवभोग समिति प्रभारी ने बताया कि उसने 90 बोरा खाद को रोक लिया है.
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प्रक्रिया में चूक इसलिए बिक गए अमानक खाद
नियमानुसार खाद के सेम्पलिंग के समय ही सेम्पल लेने वाले लॉट के विक्रय पर रिपोर्ट आने तक रोक लगाया जाना है, पर उपसंचालक ने ऐसी किसी भी लिखित आदेश खाद भंडारण करने वाले समितियो को नही दिया. अप्रेल में भंडारण शुरू होते ही सेम्पलिंग की प्रक्रिया को शुरू करवाना था. मगर मई में वितरण अवधि में इसे शुरू किया गया, जो जुलाई माह तक जारी रहा.
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कृषि विभाग किसानों से कर रहा खिलवाड़
झाखरपारा सहकारी समिति के अध्यक्ष असलम मेमन ने कहा कि खाद जांच जैसे सवेदनशील मामले को कृषि विभाग ने मजाक में लिया। सेम्पलींग लॉट को रोकने भी नही कहा गया। मई में जांच हुई ओर रिपोर्ट अगस्त में आया। हमे बताया भी नही गया कि इस खाद के साथ क्या करना है। कोई लिखित पत्राचार नहीं हुआ। समिति में 600 बोरी खाद था, जिसे अमानक बताया गया, वो सभी खाद बांट दिया गया है। अमानक खाद का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। अगर नुकसान ज्यादा हुआ तो कृषि विभाग से हर्जाना मांगा जाएगा.
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