शब्बीर अहमद,भोपाल/बीडी शर्मा,दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह (Damoh) जिले के गंगा जमना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब (Hijab) पहनाने के मामले में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं. स्कूल संचालक की प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर अकूत संपत्ति मिली है. जांच में करोड़ों की और हजारों एकड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है. भोपाल शहर के अलग-अलग इलाकों में गंगा जमुना के नाम से दुकानें और संपत्ति मिली है.
पक्ष विपक्ष के कई बड़े राजनेताओं से सीधे संबंध
दमोह के गंगा जमना स्कूल के संचालक मोहम्मद इदरीश के साम्राज्य का खुलासा हुआ है. दूध बेचने वाले परिवार के पास अब अकूत संपत्ति है. गंगा जमना स्कूल के संचालकों का दमोह सहित मध्यप्रदेश और दूसरे बड़े शहरों में अरबों का कारोबार फैला हुआ है. गंगा जमना बीड़ी के नाम से तेंदुपत्ता के बड़े बाजार पर कब्जा है. जंगलों से तेंदुपत्ता संग्रहण में भी एकाधिकार है. पक्ष विपक्ष के कई बड़े राजनेताओं से सीधे संबंध है.
रेत खनन में भी एकतरफा काम
2000 एकड़ से भी ज्यादा जमीन का मालिक स्कूल संचालक है. कपड़े के कारखाने, हार्डवेयर का काम, रेत खनन में भी एकतरफा काम, पेट्रोल पंप से लेकर दाल मिल्क का भी काम है. इसी दाल मिल से सऊदी अरब, यूएई में सप्लाई होती है. धर्मकांटा से लेकर सैकड़ों दुकान, दिल्ली, भोपाल, जबलपुर, हैदराबाद में कई फ्लैट और ऑफिस भी हैं. भोपाल में कई बड़े कपड़ों के शोरूम है. जिसका खुद मंत्री ने इसका उद्धघाटन किया था.
कलेक्टर की भूमिका पर उठाए सवाल
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि स्कूल संचालक के आतंकी और पीएफआई से संबंध की आशंका है. इसकी जांच चल रही है. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दमोह कलेक्टर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी सिर्फ शिक्षा विभाग की नहीं कलेक्टर की भी थी. उनके जिले में कैसे ये विध्वंस का काम चल रहा था और उन्हें भनक तक नहीं लगी.
मंत्री ने डीईओ को हटाने के दिए निर्देश
मंत्री परमार ने कहा कि डीईओ ने भी इस पूरे मामले में गलत रिपोर्ट दी. हम डीईओ को भी हटाने जा रहे हैं. ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए आगे से सभी शासकीय और निजी स्कूलों के गणवेश एक करने को लेकर प्रयास किए जाएंगे.
मान्यता रद्द करने में लेटलतीफी
वहीं सीएम शिवराज के निर्देश के बाद भी स्कूली शिक्षा विभाग ने लेटलतीफी की है. सीएम के ट्वीट के एक दिन बाद स्कूली शिक्षा विभाग जागा है. दमोह के गंगा जमुना स्कूल की 4 जून को मुख्यमंत्री ने मान्यता रद्द करने ट्वीट किया था. लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने 5 जून को नोटिस जारी किया है.
स्कूल में बिना हिजाब के एंट्री बैन थी
बाल आयोग की टीम के निरीक्षण के दौरान पता चला है कि यहस्कूल धर्मांतरण का अड्डा बना हुआ था. बच्चियों को डरा धमकाकर हिजाब पहनाया जाता था. स्कूल में बिना हिजाब के एंट्री बैन थी. गंगा जमुना स्कूल में धर्मांतरण और बड़े पैमाने पर इस्लामिक साहित्य मिला है. स्कूल में केजी फर्स्ट के बच्चों को 5 पिलर्स ऑफ इस्लाम पढ़ाया जाता था. हिंदू लड़कियों के एडमिशन फॉर्म पर हिजाब वाला पासपोर्ट फोटो जरूरी था. बीते दिनों बाल आयोग की सदस्य मेघा पवार और ओंकार सिंह जांच करने दमोह गए थे.
महिला टीचर हिंदू से बनी मुस्लिम
स्कूल की एक महिला टीचर का धर्मांतरण (conversion) कर उन्हें मुस्लिम बनाया गया है. स्कूल की प्रिंसिपल खरे अफसरा शेख बनी है. इतना ही नहीं आयोग की टीम ने स्कूल संचालक के पास हजारों एकड़ जमीन के सबूत मिले है. जिसके बाद विदेशी फंडिग की पूरी संभावना जताई जा रही है.
सीएम के निर्देश के बाद मान्यता रद्द
बता दें कि बीते दिनों दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब (Hijab) पहनाकर टॉपर्स की लिस्ट में दिखाने का मामला सामने आया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के निर्देश पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई है.
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