हेमंत शर्मा, इंदौर। Lalluram.com की पड़ताल के खुलासे के बाद मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों पर ईओडब्ल्यू (EOW) ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. केंद्र की योजना आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) में करोड़ों रुपए के घोटाले की शिकायत EOW को मिली थी. जिसकी जांच के लिए आईपीडीएस योजना में किए गए काम के दस्तावेज EOW ने विद्युत वितरण कंपनी से मांगे हैं.

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दरअसल, केंद्र की योजना आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) के तहत बिजली के खंभ, केबल और ट्रांसफार्मर लगाने के लिए इंदौर सहित 14 जिलों के लिए लगभग 523 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे, लेकिन यह खंभ सिर्फ दस्तावेजों में लगे न कि धरातल पर. इस पूरे मामले की पड़ताल में Lalluram.com की टीम ने बताया था कि देवास में किस प्रकार से पचपन खंभे धरातल से गायब मिले. अब पूरे मामले में EOW ने अपना शिकंजा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों पर कसना शुरू कर दिया है.

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ईओडब्ल्यू (EOW) एसपी धनंजय शाह ने बताया कि आईपीडीएस स्कीम के तहत किए गए कामों के दस्तावेज विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों से मांगे गए हैं. दस्तावेज की जांच के बाद जल्द पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कर दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

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एसपी धनंजय शाह ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी तत्कालीन प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय मुंहासे के भाई के काम की भी जांच ईओडब्ल्यू द्वारा की जाएगी. साथ ही अधिकारियों की संपत्ति की जानकारी भी ईओडब्ल्यू द्वारा जुटाई जा रही है और जानकारी लगाई जा रही है कि कहीं यह संपत्ति आईपीडीएस स्कीम के तहत घोटाला कर अर्जित तो नहीं की.

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