मनीष मारु, आगर मालवा। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले का निपानिया बैजनाथ गांव.. यहां 150 वर्षों से रामलीला का आयोजन रामनवमी से किया जाता है। यह आयोजन हनुमान जयंती के ठीक 1 दिन पहले समाप्त हो जाता है। इसके पीछे किवंदती है कि पहले इस गांव में अज्ञात कारणों से हर साल 10-12 मकान जल जाया करते थे, जिससे गांव के लोग परेशान थे, तभी एक महात्मा ने बताया था कि गांव में रामलीला का आयोजन होगा तो आग नहीं लगेगी। इसके बाद से ही हर साल रामलीला का आयोजन किया जा रहा है, जो लगातार 150 वर्षों से जारी है।

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पूरे गांव के लोग राम मंदिर होते हैं जमा

इस आयोजन को देखने पूरे गांव के लोग राम मंदिर में जमा होते हैं, जिनमें महिला, पुरुष और बच्चे शामिल रहेते हैं। करीब 50 से अधिक कलाकार रामलीला करते हैं और यह सभी कलाकार इसी गांव के रहने वाले हैं। जो पीढ़ी दर पीढ़ी रामलीला के आयोजन में हिस्सा लेते हैं। रामलीला का संगीतमय मन मोहक आयोजन हर साल किया जाता है।

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वहीं रामलीला में भाग लेने वाले कलाकार नारायण सिंह का कहना है कि जबसे रामलीला का आयोजन किया जा रहा है गांव में मकानों के जलने की घटना बंद हो गई है। पहले कई घरों में अचानक आग लग जाती थी, लेकिन जब से रामलीला शुरू की गई तब से आग की घटना नहीं हो रही है।

महात्मा के कहने पर शुरू हुई रामलीला

इस गांव में पहले अचाकन घरों में आग लग जाती थी। हर साल 10 से 12 परिवार बेघर हो जाते थे। आग लगने की रहस्यमयी घटना से गांव के लोग परेशान थे, तब एक महात्मा ने उन्हें रामलीला का आयोजन करने के लिए कहा था, जब से रामलीला हो रही है, तब से आग लगने की घटनाएं नहीं हुई है।

150 वर्षों से हो रहा रामलीला का आयोजन

इस गांव में 150 साल रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि रामलीला के लिए बाहर से कलाकार नहीं बुलना पड़ता है। गांव के लोग ही रामलीला करते हैं। जो पीढ़ी दर पीढ़ी हिस्सा लेते हैं। रामलीला दिखने के लिए गांव के सभी लोग पहुंचते हैं।

इस साल भी हुआ रामलीला का भव्य आयोजन

150 साल से चली आ रही परंपरा का इस साल भी निर्वाहन किया गया। गांव के कलाकारों ने स्थानीय राममंदिर में रामनवमी से हनुमान जयंती के एक दिन पहले तक रामलीला महोत्सव का आयोजन किया। गांव के बच्चे हनुमान जी, अंगद और वानर सेना का रोल किया।

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