नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना को अब सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने योजना को बरकरार रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ गोपाल कृष्ण और एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे. हाई कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने 27 फरवरी को कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के प्रशंसनीय उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय हित में तैयार की गई है.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले सेनाओं के लिए रैलियों, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट जैसी भर्ती प्रक्रियाओं के जरिये चुने गए उम्मीदवारों के पास नियुक्ति का निहित अधिकार नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने एक तरफ अग्निपथ योजना पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. वहीं दूसरी ओर योजना के आने से पहले एयरफोर्स में नियुक्ति के लिए आवेदन लगाए उम्मीदवारों की याचिका को सुनने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से भारतीय वायुसेना में भर्ती से संबंधित तीसरी याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा.

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