राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश में कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित करने की योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत किसानों को फसलों के प्राथमिक प्रसंस्करण हेतु किराए पर मशीन उपलब्ध कराकर सेवाएं देने के उद्देश्य से बैंक ऋण आधार पर कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने की इच्छुक आवेदकों से ऑनलाइन आवेदन पत्र संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित किए जाते हैं.

इसे भी पढ़ें : BIG BREAKING: सोनिया की कमलनाथ से चर्चा के बाद कार्यकारी अध्यक्ष का फैसला फिलहाल होल्ड, ‘नाथ’ ने मांगा वक्त

आवेदन करने के लिए व्यक्ति पंजीकृत किसान समूह तथा फार्मर कोआर्डिनेशन पात्र होंगे. यह कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र प्रदेश के सभी जिलों में खोले जाने हैं. कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र के लिए न्यूनतम दस लाख रुपए तथा अधिकतम 25 लाख रुपए की लागत का स्थापित किया जा सकेगा. प्रत्येक कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र के लिए मशीनों के क्रय की लागत पर आवेदकों को 40% अधिकतम 10 लाख रुपए तक का क्रेडिट लिंक बैंक एंडेड अनुदान दिया जाएगा. इसके साथ ही हितग्राही भारत सरकार के एग्रीकल्चर इन्फ्राट्रक्चर फंड के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के भी पात्र होंगे.

इसे भी पढ़ें : MP में पार्षद चुनेंगे महापौर और अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना अंतर्गत स्वीकृत प्रोजेक्ट को 3% की दर से ब्याज अनुदान तथा भारत सरकार की गारंटी प्राप्त होती है. प्रत्येक जिले में पांच कस्टम प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित किए जाने का लक्ष्य है कुल 260 केंद्र खोलने का लक्ष्य वर्ष 2021-22 में लिया गया है. निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने की योजना के तहत किसानों को कृषि कार्य के लिए किराए पर मशीनें एवं यंत्र उपलब्ध कराए गए सेवाएं दी जानी होंगी. प्रत्येक कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए आवश्यक ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्रों से संबंधित कृषि मशीनों के क्रय की लागत पर आवेदकों को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा. 416 कस्टम हायरिंग केंद्रों को स्थापित किए जाने के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं. बैंक ऋण के आधार पर केंद्र स्थापित किए जाने पर ही अनुदान की पात्रता होगी.

इसे भी पढ़ें : MP के वित्त मंत्री का बयान, कहा- सरकार का खजाना खाली, चवन्नी भी नहीं है!