कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्य प्रदेश सरकार की कोरोना संकट में मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रदेश में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल के बाद जबलपुर में आशा कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएमएचओ को ज्ञापन सौंपा है.

जिले की आशा और उषा कार्यकर्ताओं ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गई हैं. उन्होंने ने सरकार से कार्यकर्ताओ का सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने 2 हजारी की जगह 18 हजार रुपए मानदेय की मांग की है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोविड में इलाज करने वाली आशा कार्यकर्ताओं के परिवार का फ्री इलाज किया जाना चाहिए. इसके अलावा आशा-उषा कार्यकर्ताओं का बीमा भी सरकार कराए.

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सीएमएचओ का ज्ञापन सौंपते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन के लिए हड़ताल जारी रहेगी. वहीं सीएमएचओ ने कहा कि निश्चित तौर पर उनकी मांगे पूरी होनी चाहिए, लेकिन ये शासन स्तर का मामला है. उनके ज्ञापन को सरकार तक भेज दिया जा रहा है.

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बता दें कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करने वाली आशा कार्यकर्ता, ऊषा और सहयोगी कार्यकर्ताएं प्रशासन से सम्मानजनक मानदेय और सुविधाओं की मांग कर रही हैं. वो शासन से इस मसले को लेकर काफी नाराज हैं.

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संक्रमण काल में संसाधनों के अभाव में भी इन कार्यकर्ताओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को जागरूक किया और गांव-गांव जाकर लोगों को कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाने, हाथ धोने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और सैनेटाइजर का उपयोग करने को जागरूक किया.

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