लुधियाना। पंजाब के प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान स्कीम के तहत मुफ्त इलाज मिलना आज से बंद हो गया. दरअसल पंजाब सरकार द्वारा 6 महीने से प्रदेश के 700 से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों का करोड़ों रुपए से अधिक का भुगतान नहीं किया गया है. IMA ने चेतावनी दी थी कि जब तक सरकार बकाया 250 करोड़ का भुगतान नहीं करती, तब तक वह मुफ्त इलाज नहीं करेंगे. अब जबकि निजी अस्पतालों ने आयुष्मान स्कीम के तहत मुफ्त इलाज देना आज से बंद कर दिया है, तो पंजाब में 40 लाख के करीब कार्डधारकों को इस सुविधा से वंचित होना पड़ेगा. पंजाब में 20 अगस्त 2019 को आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना का शुभारंभ किया गया था. उस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह थे. तत्कालीन पंजाब सरकार ने जरूरतमंद परिवारों को 5 लाख तक की मेडिकल सुविधा निःशुल्क मुहैया करवाने के उद्देश्य से योजना शुरू की थी. इसमें होने वाला खर्च केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में वहन किया जाता है.
लाखों मरीजों को करना होगा दिक्कतों का सामना
अकेले लुधियाना जिले में ही करीब 4 लाख कार्डधारकों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज नहीं मिल पाएगा. एसबीआई बीमा कंपनी से करोड़ों रुपए का भुगतान नहीं मिलने की वजह से डॉक्टरों ने मुफ्त उपचार देने की योजना से किनारा कर लिया है. कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के नोटिस उतार दिए हैं. निजी अस्पतालों के अगले निर्णय तक सोमवार से केवल सरकारी अस्पतालों में ही लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा. बात करें बठिंडा की, तो यहां करीब 3 लाख 28 हजार आयुष्मान कार्डधारक हैं. इनमें से पिछले साल 95 हजार लोग आयुष्मान कार्ड के तहत बीमारियों को इलाज करवा चुके हैं, जिसमें सबसे अधिक 21 हजार डायलसिस के केस थे. अब आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज नहीं मिलने के कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
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