विप्लव गुप्ता,पेंड्रा. भोजन की तलाश में भालुओं का यहां आना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस बार खाने की तलाश में आए भालू को काफी मशक्कत करनी पड़ी है. दरअसल पूरा मामला मरवाही वन मंडल के मरवाही वन परिक्षेत्र के बरवासन गांव का है. जहां सुबह 4 बजे जब भालुओं का दल वापस लौट रहा था. उसी दौरान एक 8 माह का शावक जंगल के किनारे लगे फैंसिंग वायर में फस गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा.

इसके बाद ग्रामीणों ने  इसकी सूचना वन विभाग को दी. जिसके बाद वन विभाग की टीम पहुंच गई. लेकिन यहां भी संसाधनों के अभाव के कारण भालू को निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि भारी मशक्कत के बाद स्थानीय वनरक्षक शिव कुमार उईके ने भालू को आजाद कराने के लिए पहले फैंसिंग वायर को काटा और उसके बाद वायर में फंसे भालू के बाल को भी काट कर  भालू  को आजाद  कर दिया और भालू जंगल की ओर भाग गया.

जंगल में है भोजन की समस्या

ग्रामीणों के अनुसार इस जंगल और गांव के आसपास 100 से अधिक संख्या में भालू मौजूद हैं. जो लगभग रोज ही भोजन की तलाश में गांव की ओर आते हैं. भालुओं का प्राकृतिक निवास होने के बावजूद जंगल के अंदर भालू के भोजन जैसे जामुन डोरी के पेड़ कम हो गए हैं. साथ ही पानी की भी समस्या है जिसके लिए भालुओं को रिहाईशी इलाके का रुख करना पड़ता है.

बता दें कि इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. उस दौरान भी वन विभाग को भारी मश्क्कत करनी पड़ी थी और आखिरकार बिलासपुर से रेस्कयू ट्री टीम को बुलाना पड़ा था. हालांकि इस बार वन विभाग ने 6 घंटे मशक्कत के बाद ही सही लेकिन,विभाग भालू को आजाद करने में कामयाब रहा है.

इसके पहले भी बालों के पकने की कई घटनाएं हो चुकी है जिन्हें बिलासपुर से आई रेस्क्यू ट्री टीम द्वारा बैंक को लाइव स्कोर निकाला गया था हालांकि इस बार वन अमले की सूझ-बूझ और बहादुरी से इस भालू के साथ वह नौबत नहीं आई और भालू लगभग 6 घंटे बाद आजाद करा दिया गया आजाद कर दिया गया.