एनके भटेले,भिंड। जिले में बड़ा एटीएम घोटाला उजागर हुआ है। यहां एटीएम मशीनों में कैश लोड करने वाली कपंनी के कर्मचारियों ने दो माह में करीब सवा करोड़ रुपए का चूना बैंकों को लगाया है। इसका खुलासा होने के बाद कंपनी के दो कर्मचारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
जानकारी के अनुसार जिले में एक या दो नहीं बल्कि अलग अलग बैंकों के 15 एटीएम मशीनों से करोड़ों रुपए गबन का खुलासा हुआ है। जिले में एटीएम मशीनों में पैसा लोड करने वाली (CMS) इंफो सिस्टम लिमिटेड कम्पनी के दो कर्मचारियों ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया। इसका खुलासा एटीएम ऑडिट के जरिए हुआ।

जानकारी के मुताबिक इस घपले को बड़ी ही चालाकी के साथ अंजाम दिया गया है।दरअसल सीएमएस इंफो लिमिटेड ग्वालियर कम्पनी भिंड जिले में एसबीआई, पीएनबी, ऐक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंकों के ATM मशीनों में पैसा भरने का काम करती है। भिण्ड के रूट नम्बर एक पर इन बैंक के 18 एटीएम बूथ हैं। इसमें पैसा डालने की जिम्मेदारी कम्पनी के आशीष जादौन और सतेंद्र चौहान समेत 3 कर्मचारियों को सौंपी गयी थी। ये कर्मचारी यह बात जान चुके थे कि मशीन में रखे गए कैश की काउंटिंग खुद नहीं कर सकती है। उसमें कर्मचारी द्वारा ही मैन्युअल एंट्री की जाती है। ऐसे में कस्टोडियन सतेंद्र और आशीष दोनों ने इस बात का फायदा उठाते हुए एटीएम मशीनों में मैन्युअल दर्ज किए जाने के बाद भी कम पैसा लोड किया।

आरोपियों ने दो माह में करीब 1 करोड़ 22 लाख रुपए का गबन कर दिया। जब कम्पनी की पॉलिसी के अनुसार 24-28 जनवरी के बीच ऑडिट कराया गया तो 18 में से 15 मशीनों में कैश कम पाया गया। सख्त पूछताछ करने पर आशीष और सतेंद्र ने घोटाला करना स्वीकार कर लिया। कम्पनी ने जब दोनों को जेल भेजने की धमकी दी तो गबन किए गए रुपए की रिकवरी के लिए दोनों आरोपियों ने समय मांगा। जिसने फरवरी अंत तक दोनों ने करीब 10 लाख रुपए लौटा भी दिए, लेकिन इसके बाद दोनों आरोपियों ने शेष पैसा वापस नहीं किया तो कम्पनी द्वारा मामले की शिकायत पुलिस में की गयी।

पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि इस संबंध में उन्हें जनवरी में भी सूचित किया गया था, लेकिन बाद में दोनों पार्टियों के बीच कुछ बात हुई होगी तो इस पर एफआईआर नहीं दर्ज कराई गयी थी। हाल ही में मामले में दोबारा शिकायत प्राप्त होने के बाद एफआईआर करायी गयी है। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।आरोपियों ने अब तक चुराए गए करोड़ से ज़्यादा राशि नहीं लौटाई है।

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