नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस की एंट्री हुई. अब बिहार में व्हाइट फंगस ने दस्तक दे दी है. जिससे लोगों के लिए एक और मुसीबत बढ़ गई. पटना के एक अस्पताल में गुरुवार को व्हाइट फंगस के 4 मरीज मिले है. जिसके बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है.

जानकारी के मुताबिक ब्लैक फंगस की तुलना में व्हाइट फंगस ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. पटना में व्हाइट फंगस से मिले संक्रमित मरीजों में पटना के एक प्रसिद्ध डॉक्टर भी शामिल हैं. पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड डॉ. एसएन सिंह ने इसकी पुष्टि की है.

डॉ. एसएन सिंह ने बताया कि व्हाइट फंगस के 4 मरीज मिले हैं. जिनमें कोरोना जैसे ही लक्षण थे. लेकिन वे कोरोना नहीं बल्कि व्हाइट फंगस से संक्रमित थे. उन्होंने कहा कि चारों मरीजों के कोरोना के तीनों टेस्ट रैपिड एंटीजन, रैपिड एंटीबॉडी और RT-PCR टेस्ट कराए, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.

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बताया जा रहा है कि यह ब्लैक फंगस से भी ज्यादा घातक है. फेफड़ों के संक्रमण का मुख्य कारण है. इसके अलावा यह फंगस इंसान के त्वचा, नाखून, मुंह के अंदरूनी हिस्से, आमाशय, आंत, किडनी, गुप्तांग और दिमाग पर भी बेहद बुरा असर डालता है.

इस मामले में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ये तकनीकी बातें हैं, जिसका विश्लेषण डॉक्टर और जानकार ही बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को माइक्रोबायोलॉजिस्ट के साथ बैठक करेंगे. तभी इस मामले की पूरी जानकारी मिल सकती है.

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