रायपुर/बिलासपुर- विधानसभा 2018 का चुनाव बिलासपुर के लिए इस बार कई मायने में रोचक हो सकता है, क्योंकि इस चुनाव में मंत्री अमर अग्रवाल के सामने जगद गुरू स्वामी शंकराचार्य के भक्त शैलेष पाण्डेय रह सकते हैं.  पाण्डेय छत्तीसगढ़ के चर्चित विश्वविद्यालय डॉ. सी.वी. रमन के कुलसचिव हैं.


आज बिलासपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की मौजूदगीे में शैलेष पाण्डेय ने कांग्रेस प्रवेश कर लिया, हालांकि शैलेष पाण्डेय की कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक घोषणा मंगलवार को राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी  बी. के. हरिप्रसाद की मौजूदगी में होगी.  बीते कई दिनों शंकराचार्य के भक्त के कांग्रेस में शामिल होने की खबर जोरों पर थी.  लल्लूराम डॉट कॉम ने सबसे पहले शैलेष पाण्डेय की कांग्रेस में शामिल होने की खबर ब्रेक की थी और सोमवार को भूपेश बघेल ने इस शैलेष पाण्डेय के कांग्रेस प्रवेश की खबर पर मुहर लगा दी.

इस मौके पर पत्रकारों से चर्चा में भूपेश ने बघेल कहा कि शैलेष पाण्डेय के आने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.  शैलेष पाण्डेय उच्च शिक्षित और एक बड़े विश्वविद्यालय के कुलसचिव हैं.  उनके पार्टी में आने से बिलासपुर में कांग्रेस पार्टी और मजबूत होगी.  शैलेष पाण्डेय ने अपने व्यवहार से बहुत ही कम समय में बिलासपुर वासियों के दिल में जगह बनाई है.  यही नहीं उन्होंने बिना डरे प्रदेश सरकार के दिग्गज मंत्री और बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा भी खोल रखा है, हालांकि उन्होंने शैलेष पाण्डेय कहां से चुनाव लड़ेंगे इस पर कुछ नहीं कहा.

आपको बता दे कि शैलेष पाण्डेय मध्यप्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी के भी बेहद करीबी माने जाते हैं.  सी.वी.रमन विश्वविद्यालय का उद्घाटन भी सुरेश पचौरी ने ही किया था।. सुरेश पचौरी सोनिया और राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं. मतलब शैलेष पाण्डेय विधानसभा चुनाव के बेहद प्रबल दावेदार हो सकते हैं !

आपको ये भी बता दे कि बीते दिनों बिलासपुर में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान शंकराचार्य निश्चिलानंद सरस्वती जी महराज ने शैलेष पाण्डेय के पक्ष में मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ खरी-खोटी कही थी.  उन्होंने सीधे तौर मंत्री को धमकी भरे लहजे में कहा था कि उनके भक्त को डराने या धमकाने की कोशिश में कोई ना करें.

गौरतलब है कि बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल और कुलसचिव शैलेष पाण्डेय के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है. दोनों एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.