ललित सिंह ठाकुर, राजनांदगांव। ये कैसी विपदा है. इंसान आज इंसान से सांसों की भीख मांग रहा है. मरीज बिस्तर में बिन ऑक्सीजन अपनी सांसें गिन रहे हैं. बिस्तर में तड़प-तड़पकर दम तोड़ रहे हैं. ये तस्वीरें हैरान करती हैं. कोरोना के संकट काल में भी कालाबाजारी जारी है. ये कैसा सिस्टम है, ये कैसा मुनाफा है, ये कैसी बेरहमी है, जो टूटती सांसों का भी सौदा कर रहे हैं. कोरोना मरीजों की पीड़ा देखकर बिस्तर भी कराह रहा है. मरीजों की हालातों को देखकर दम फूल रहा है. न कोरोना की रफ्तार रुक रही है, न ही सांसों की कालाबाजारी. इन तस्वीरों को देखकर कलेजा कांप रहा है. ये तस्वीरें राजनांदगांव जिला अस्पताल की हैं. जहां न मरीजों को ऑक्सीजन और न बेहतर इलाज मिल रहा है. प्रशासन ने हांथ खड़े कर दिए हैं. मरीजों के परिजन दर-दर भटक रहे हैं.

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राजनांदगांव जिला अस्पताल में बिलखती और कराहती तस्वीरें सबको बिचलित कर रही हैं. कोरोना मरीजों की हालत देखकर आप भी सहम उठेंगे. ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी को देखकर गरीबों की हालत पर तरस आ जाएगी. मरीजों को सांस के लिए कितना जद्दोजहद करना पड़ रहा है. उसे देखकर ही आपकी सांसें फूल जाएंगी. अस्पताल में मरीजों की कतार लगी है. हर 3 तीन फीट में एक बिस्तर नजर आ रहा है. जहां कोरोना पीड़ित तड़प रहे हैं.

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अपनों को सांसें देने की जद्दोजहद

राजनांदगांव जिला अस्पताल के सामने परिजनों की कतार लगी है. ऑक्सीजन सिलेंडर की मारी देखकर आपकी आंखें भर आएंगी. अपनों बचाने के लिए परिजन कोई हाथ ठेले से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर जा रहा है, कोई बाइक से कोई कार से, तो कोई नगर निगम की कचरा गाड़ी से ऑक्सीजन सिलेंडर ला रहा है. इन तस्वीरों को देखकर ईश्वर से रहम की हर कोई भीख मांग रहा है.

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मरीज जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे

राजनादगांव जिले सहित सभी ब्लॉकों में लगातार कोरोना संक्रमितों का आकड़ा भयावह हो गया है. हर रोज कोरोना मरीज मिल रहे हैं. अस्पताल के पास ऑक्सीजन नहीं है. ऐसे में कोरोना मरीजों को बचाने के लिए परिजनों में भाग दौड़ मच गया है. डॉक्टर्स भी अस्पताल में कभी-कभी आते हैं. ऐसे में मरीजों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. एक-एक पल मरीज जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम होता जा रहा है. ऐसे में सिलेंडर की सौदागरी भी जारी है.

ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदकर ला रहे परिजन

बसंतपुर स्थित स्व अटल बिहारी बाजपयी जिला अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों को भी बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर लेना पड़ रहा है. अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर का नहीं होना और मरीजों से  मगवाना अस्पताल प्रबंधन के कार्यपणाली पर प्रश्नउठना लाजमी है. वहीं मरीज बाहर से अधिक दाम पर सिलेंडर रिफलिंग और सिलेंडर खरीदकर लाने को मजबूर हैं. मामले में जिम्मेदार अधिकारी मीडिया से बचते नजर आ रहे हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए दर-दर भटक रहे लोग

जिलेभर में कोरोना से हाहाकर मचा हुआ है. लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रही है. दूसरी तरफ ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं. हद तो तब हो गई जब जिला अस्पताल में डिलीवरी करवाने आए मरीज के परिजनों को अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने का हवाला दिया. इतना ही नहीं मरीजों को खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने को कह रहे हैं. मरीज के परिजन बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर को महंगे दामों में लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं, ताकि मरीज की जान बच जाए.

10-10 हजार में बिक रहा सिलेंडर

राजनांदगांव जिले में सिलेंडर 10-10 हजार में बिक रहे हैं, जो सिलेंडर खरीदने में सक्षम हैं, वह तो खरीद रहे हैं. जो गरीब तबके के लोग हैं, वह मरीज बिस्तर में अपनी सांसे गिन रहे हैं. मरीजों के परिजनों ने कहा कि ऑक्सीजन की कीमत सुनकर पसीना छूट जा रहा है. पैसे नहीं कैसे इतना मंहगा सिलेंडर खरीदें. लल्लूराम डॉट कॉम से मरीज के परिजनों ने जिस तरह से अपनी पीड़ा बताई, उसे देख और सुनकर हर कोई दंग रह जा रहा है.

कब मिलेगी सांसें ?

बहरहाल, एक तरफ कोरोना का संक्रमण और मौतों का आकड़ा डरा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य व्यस्था का लचर होना आने वाली दिनों में  स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाने वाली है. ऑक्सीजन की कमी से लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन की खामी के कारण लोगों को सांसें नहीं मिल रही है. अस्पताल की दुर्दशा भयावह है. अब देखने वाली बात होगी की राज्य सरकार और स्वाथ्य विभाग कब तक ऑक्सीजन की कमी को दूर करते हैं ?

देखिए वीडियो में अस्पताल की हकीकत-

लल्लूराम डाॅट कॉम मुहिम-

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