राजनांदगांव। शहर में राज इंपिरियल होटल के पास शुभम नामदेव की बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी गई थी. इस खौफनाक वारदात में तीन शातिर आरोपी शामिल थे, जिसमें एक किलर गर्ल भी शामिल है. तीनों ने इतने खतरनाक तरीके से प्लानिंग की थी. इस वारदात को सुलझाने में पुलिस के पसीने छूट गए. पुलिस को केस सुलझाने में तीन साल लग गए, तब जाकर आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचे.

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दरअसल, सितंबर 2018 में तीन शातिर आरोपियों ने शुभम नामदेव  की हत्या की प्लानिंग की. इस खौफनाक हत्या की प्लानिंग में नितिन लिंबु, दिनेश माहेश्वरी और मेघा तिवारी शामिल थे. हत्या के पहले गोलू मारवाड़ी ने व्हाट्सएप कॉलिंग से शुभम नामदेव को जय स्तंभ चौक बुलाया. इसके अलावा रकम वापस करने और मेघा तिवारी से मिलवाने की बात फिक्स हुई.

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आरोपी मेघा शराब पीने के बहाने ले गई थी बाहर

तीनों क्रिमनल्स हत्या करने के लिए पहले से ही तैयार थे. दूसरे दिन शाम को करीबन 7:30 बजे पेंड्री स्थित पेट्रोल पंप के पास शुभम को बुलाया गया. आरोपी पहले से ही अपना-अपना मोबाइल घर में रख कर वारदात वाली जगह पर मौजूद थे. शुभम के आने के बाद मेघा उसको शराब पीने के बहाने कार से थोड़ा दूर ले गई. इसी बीच मुंकू नेपाली कार के पिछले सीट पर बैठ गया.

एक झटके में बेदर्द तरीके से काटा था गला

पुलिस के मुताबिक जैसे ही शुभम ड्रायविंग सीट पर बैठा. वैसे ही मुंकू धारदार हथियार से एक झटके में उसका बेदर्द तरीके से गला काट दिया. शुभम घायल अवस्था में कुछ दूर तक कार चलाते गया. होटल राज इंपिरियल के पास मदद के लिए रुका. इलाज के लिए ले जाते समय उसकी मौत हो गई. पुलिस वारदात से जुड़े तकरीबन 300 लोगों से पूछताछ की. 2500 से ज्यादा लोगो के कॉल डिटेल खंगाले. फिर भी पुलिस के हाथ खाली थे.

नारको और ब्रेन मेपिंग टेस्ट में खुलासा

इसके बाद पुलिस कुछ संदेहियों का गुजरात स्थित गांधीनगर में नारको और ब्रेन मेपिंग टेस्ट कराया. इसके बाद नितिन लिंबु, दिनेश माहेश्वरी और मेघा तिवारी ने पुलिस को खूब गुमराह किया. इसके पहले पुलिस को तीनों ने कहा कि हम इस मामले में कुछ जानते ही नहीं हैं. पुलिस के लिए केस को सुलझाना बहुत मुश्किल था, लेकिन वैज्ञानिक पद्धति पूछताछ में जो खुलासे हुए, वो चौकाने वाले हैं.

5 लाख रुपये को लेकर हत्या

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि शुभम नामदेव और उसके पिता रावेंद्र नामदेव जब बलात्कार के आरोप में जेल में थे, तब मुंकु नेपाली और गोलू मारवाड़ी उनको जेल से बाहर निकालने के एवज में 5 लाख रुपये लिए थे.  जब शुभम नामदेव जमानत में बाहर आया, तब शुभम मुंकू नेपाली और गोलू मारवाड़ी के पर पैसे को लेकर दबाव बनाने लगा. इसी से तंग आकर तीनों ने वारदात को अंजाम दिया.

खौफनाक वारदात को सुलझाने में इनकी रही अहम भूमिका

राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक डी श्रवण के कुशल निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कविलास टंडन, जयप्रकाश बढ़ई, सुरेशा चौबे, के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक मयंक रणसिंह, रुचि वर्मा, निरीक्षक आशीर्वाद रहटगांवकर, राजेश साहू, केपी मरकाम समेत अन्य लोग शामिल रहे.

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