गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राइमरी स्कूलों की दशा और दिशा बदल दी है. कॉन्वेंट स्कूलों में स्कूलों का प्राइमरी स्कूल कड़ी टक्कर दे रहे हैं. जिले में 2504 परिषदीय विद्यालयों में से 102 इंग्लिश मीडियम हो चुके हैं. जहां छात्र आपस में इंग्लिश में बातचीत करते हैं. इसके अलावा प्राइमरी स्कूलों में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के माध्यम से भी हाईटेक शिक्षा दी जा रही है.

इसे भी पढ़ें: लकड़ी की ठेकी में लगी भीषण आग, मजदूर की जलकर मौत

सीएम योगी ने बेसिक स्कूलों में पठन पाठन से लेकर सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, जिस कारण पहली बार ऐसा हो रहा है कि प्राइमरी स्कूलों में हाईटेक पढ़ाई से लेकर इंग्लिश मीडियम में भी पढ़ाई हो रही है. परिषदीय विद्यालयों में छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं को लगातार बढ़ाया जा रहा है. अबतक 100 से अधिक स्कूलों को निजी स्‍कूलों से बेहतर बनाया गया है.

पढ़ाई के लिए हर तरह की सुविधाएं

निजी स्‍कूलों की तरह यहां पर बच्‍चों की बेहतर पढ़ाई के लिए हर तरह की सुविधाएं दी जा रही है. गुलहरिया के नाहरपुर के अलावा अन्य विद्यालयों में स्‍मार्ट क्‍लास रूम, जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोजेक्टर का भी इस्तेमाल किया जाता है. खेलने के लिए मैदान, लाइब्रेरी और बेहतर कक्षाओं के साथ हर तरह की सुविधाएं छात्रों की दी जा रही हैं.  इसके अलावा विद्यालयों का रंग रोगन कराया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:  लखनऊ में 280 करोड़ की लागत से बने 2 फ्लाईओवर परियोजनाओं का लोकार्पण, CM ने कहा- लोगों को मिलेगी राहत

निजी स्‍कूलों को मात दे रहे प्राथमिक विद्यालय

विद्यालयों में पीने के पानी के लिए पुराने हैंडपंपों की जगह समरसिबल (बोरिंग) कराकर आरओ की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चों को शुद्ध पेयजल मिल सके. गोरखपुर के गुल्हरिया स्थित नाहरपुर प्राथमिक विद्यालय हो या फिर बेलीपार का प्राथमिक विद्यालय हो या जानीपुर. ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि जिले के 102 प्राथमिक विद्यालय निजी स्‍कूलों को मात दे रहे हैं. सरकार की पहल के बाद यहां पर छात्रों की संख्‍या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है.

1700 प्राइमरी स्कूलों का हुआ कायाकल्प
डीपीआरओ हिमांशु ठाकुर का कहना इन विद्यालयों के लिए 14 मानक बनाए गए हैं, जिसमें छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, हाथ धुलने के लिए टोटी, कमरे से लेकर अन्य स्थानों तक टाइल्स लगाने के अलावा बिजली शामिल है. अभी तक 9 मानकों तक 1700 विद्यालयों में कार्य कराए जा चुके हैं. शेष बचे हुए मानकों पर शीघ्र कार्य कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा 102 अंगेजी माध्यम के विद्यालयों में कार्य पहले ही कराये जा चुके हैं. जहां स्मार्ट क्लास के अलावा अन्य सुविधाएं पहले से ही मौजूद है.

इसे भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति गंभीर, केंद्र हर मदद को तैयार- सरोज पांडेय

फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे बच्‍चे
खजनी के रुद्रपुर प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिका सुषमा त्रिपाठी बताती हैं कि उनके स्‍कूल की गिनती ब्लॉक के सबसे बेहतर स्‍कूलों में है। इसके लिए उनको सम्‍मान भी मिल चुका है. खजनी क्षेत्र के सहुलाखोर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हर्ष श्रीवास्तव और शहर के दाउदपुर की शिक्षिका गरिमा शाही बताती हैं. उनके विद्यालय पर बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास, निजी स्कूलों की तर्ज पर क्लास और लाइब्रेरी है. सबसे खास बात ये है कि बच्चे अब अंग्रेजी में बात करते हैं. प्राथमिक विद्यालय को अंग्रेजी माध्‍यम से संचालित किया जा रहा है.

जर्जर विद्यालय की जगह बनेंगे नए विद्यालय
बीएसए बीएन सिंह का कहना कि जिले के जर्जर विद्यालय को भी देखा जा रहा है. देहात क्षेत्र के ऐसे विद्यालयों की रिपोर्ट मंगाई गई है. जांच के बाद तकनीकी समिति की रिपोर्ट पर विद्यालयों का पूरी तरह से कायाकल्प किया जाएगा.

सीएम योगी ने लिया था परिषदीय स्कूलों को संवारने का संकल्प
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद सूबे के परिषदीय स्कूलों की हालत देख उन्हें संवारने का संकल्प लिया था, जिसके तहत हर जिले में 10-15 विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम बनाने का संकल्प लिया गया था. इसी क्रम में गोरखपुर जिले में अब तक 102 विद्यालयों को इंग्लिश मीडियम किया जा चुका है. शिक्षा विभाग जल्द ही इस संख्या को और बढ़ाने में काम कर रहा है.

read more- Aggressiveness towards Hacking: Indian Organizations under Chinese Cyber Attack

स्पोर्ट्स की ये खबरें जरूर पढ़ें राजधानी 

मनोरंजन की ये खबरें जरूर पढ़ें