चंडीगढ़। गेहूं पर बोनस देने और 10 जून से धान की रोपाई करने की अनुमति देने समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब के 23 किसान यूनियन आज से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर वे अनिश्चितकालीन पक्का मोर्चा शुरू करने जा रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की अगुआई में किसानों ने मोहाली से चंडीगढ़ कूच शुरू कर दिया है. किसान पैदल चंडीगढ़ की तरफ बढ़ रहे हैं. किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए थे और जवानों को तैनात किया था, लेकिन किसानों ने मोहाली पुलिस का लगाया गया पहला बैरिकेड तोड़ दिया है. दूसरे बैरिकेड पर पुलिस ने किसानों को रोका है. फिलहाल चंडीगढ़ प्रशासन ने भी अपने बॉर्डर को सील कर दिया है.

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फिलहाल किसान नेता और अन्य किसान वहीं पर अनिश्चिकालीन धरने पर बैठ गए हैं, जहां पुलिस ने उन्हें रोका है. किसानों ने कहा है कि पुलिस जहां रोकेगी, वहीं पक्का मोर्चा लगाएंगे. वे सीएम भगवंत मान से मिलने की जिद पर भी अड़े हुए हैं. इधर किसानों को चंडीगढ़ में घुसने से रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने मोहाली से सटा बॉर्डर सील कर दिया है. पुलिस किसी को भी ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर चंडीगढ़ में नहीं घुसने देगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह विरोध-प्रदर्शन दिल्ली में साल भर चले आंदोलन की तर्ज पर शुरू किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले किसानों की पंजाब सरकार से साथ अपनी मांगों को लेकर हुई चर्चा असफल हो चुकी है. किसान संगठनों का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने न तो अब तक गन्ने का बकाया दिया, न बोनस देने के वादे को पूरा किया, न तो चिप वाले मीटर न लगाने की किसानों की मांग पर फैसला लिया, न मूंग की एमएसपी पर खरीद का वादा पूरा किया. वहीं बासमती के दाम और खरीद का नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया गया है.

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किसान मोहाली के गुरुद्वारा अंब साहिब में इकट्‌ठा हो गए हैं. वह घर से राशन भी लेकर आए हैं, ताकि चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाया जा सके. वहीं किसानों के प्रदर्शन से घबराई भगवंत मान सरकार ने पहले किसानों को बातचीत का न्योता दिया था, लेकिन अब यह मीटिंग रद्द हो गई है. किसान नेता हरिंदर लक्खोवाल ने कहा कि एक महीने पहले हमारी CM भगवंत मान से मुलाकात हुई थी. उन्होंने 10 दिन में मांगें मानने का भरोसा दिया था. इसके बाद न तो मांगें मानी गईं और न ही मान ने मीटिंग के लिए दोबारा वक्त दिया. उन्होंने कहा कि हमारे 17 मई तक के अल्टीमेटम को भी नजरअंदाज किया गया.

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पंजाब सरकार पर किसान संगठनों ने लगाए आरोप

एक तरफ पंजाब सरकार ने किसानों से चरणबद्ध धान की रोपाई का आग्रह किया है और राज्य को 4 क्षेत्रों में विभाजित किया है. इसके तहत 18 से 26 जून तक धान की रोपाई का कार्यक्रम तय किया गया है. वहीं किसान नेताओं ने पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है और कहा है कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में असफल साबित हुई है. किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि बीबीएमबी के मुद्दे पर 25 मार्च को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था, लेकिन पंजाब सरकार इस मामले पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं कर सकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने डैम सेफ्टी बिल पारित करके भाखड़ा डैम का पूरा प्रबंध पंजाब से छीन लिया है, फिर भी पंजाब सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे है.