रायपुर. छत्तीसगढ़ अब धीरे धीरे ड्रग्स माफियाओं का गढ़ बनता जा रहा है. यहां काफी मात्रा में मुंबई से पहुंचने वाली कोकीन को खपाया जा रहा है. इस कोकीन सप्लाई के लिए अब ड्रग माफिया फ्लाईट का भी इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. हालांकि फ्लाईट के माध्यम से पहुंचने वाली कोकीन की कीमत थोड़ा ज्यादा होती है. इसके बावजूद नशे के शौकीन इस शौक को करने में पीछे नही हैं.

शराबबन्दी की ओर अग्रसर छत्तीसगढ़ में हो रही कोकीन की सप्लाई

छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर सरकार प्रदेश में नशे के कारोबार को बन्द करने व शराबबंदी की ओर अग्रसर है तो वहीं दूसरी ओर नशे के दूसरे साधन अब प्रदेश में आसानी से मिल रहे हैं. जिसे रोकने में अब तक सरकार नाकाम रही है. हम बात कर रहे हैं प्रदेश में बिक रहे कोकीन की. कोकीन की यह खेप प्रदेश में मुंबई से फ्लाईट से भेजी जाती है और उसके बाद यहां के ड्रग्स माफिया इस कोकीन को उनके ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस की इन ड्रग्स तस्करों पर नजर क्यों नहीं है. जिसे लेकर एक अखबार ने अपनी पड़ताल में यह दावा किया है कि यह पूरा नशे का कारोबार पुलिस की जानकारी में होता है.

मुंबई की कोकीन फ्लाईट से पहुंच रही छत्तीसगढ़

अखबार ने अपनी पड़ताल में यह भी पाया है कि मुंबई के ड्रग्स कारोबारियों के लिए छत्तीसगढ़ ड्रग्स खपत का गढ़ बनता जा रहा है. अखबार की पड़ताल के मुताबिक प्रदेश के बड़े और हाई प्रोफाइल शहरों में रोज करीब डेढ़ सौ ग्राम कोकीन की खपत होती है. डिमांड मिलते ही फ्लाइट और ट्रेन से ट्रैवल मोड में इसकी सप्लाई मुंबई से होती है. पड़ताल करने वाले अखबार का दावा है कि अचानक होने वाली पार्टियो के लिए जब इस कोकीन को फ्लाइट से मंगाया जाता है. इसे दो लोग लेकर आते हैं. पहला व्यक्ति 3—4 ग्राम कोकीन रखता है और दूसरे व्यक्ति के पास ज्यादा मात्रा में कोकीन होता है. रायपुर एयरपोर्ट में फ्लाइट लैंड करने के बाद जिसके पास कम मात्रा में कोकीन रखी होती है. वह पहले निकलता है. पहला निकलने के दौरान अगर जांच में पकड़ा जाता है तो उसके पीछे चलने वाला दूसरा व्यक्ति सचेत हो जाता है और यदि वह नही पकड़ा जाता है तो दोनो व्यक्ति एयरपोर्ट के बाहर आ जाते है जहां पहले से इन्हें रिसीव करने के लिए एक शख्स खड़ा होता है. वह इन लोगो को लेकर चला जाता है. इसके बाद शहर में कोकीन सप्लाई करने के बाद ये दोनो व्यक्ति अगली फ्लाइट से वापस मुंबई चले जाते हैं.

35 सौ रूपए प्रतिग्राम की कोकीन बिकती है 6 हजार रूपए में

अखबार की पड़ताल में सामने आया है कि कोकीन जिसे टैलकम पाउडर भी कहा जाता है. इसे सप्लाई करने वालो को पैडलर्स कहते हैं. छत्तीसगढ़ में कोकीन 55 सौ से 6 हजार रूपए प्रति ग्राम उपलब्ध कराया जाता है. फ्लाइट से भेजने पर इसका दाम बढ़ जाता है. मुंबई में ये 35 सौ रूपए प्रति ग्राम मिलती है. मुंबई से रायपुर पहुंचने के बाद यह कोकीन छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों में सप्लाई की जाती है. हाई प्रोफाइल सोसाइटी में इसकी खपत सबसे ज्यादा है .

बिना कोकीन की कई हाई प्रोफाइल पार्टियों को कहा जाता है सस्ती पार्टी

सूत्रों कि मानें तो रायपुर के वीआईपी रोड स्थित कई होटलों और फार्म हाउस में कोकीन वाली हाई प्रोफाईल पार्टी आयोजित की जाती है. इन होटलों और फार्म हाउसों में तो बगैर कोकीन के पार्टी होती ही नहीं है.

अखबार का दावा, पुलिस की जानकारी में होता है कारोबार

मामले की पड़ताल करने वाले अखबार का तो यह त​क दावा है कि यह पूरा कोकीन का करोबार पुलिस की जानकारी में बिना रूकावट जारी रहता है.

दिवाली और नये साल में होती है कोकीन की ज्यादा खपत

अखबार ने यह भी दावा किया है कि प्रदेश में दिवाली के समय प्रतिदि​न करीब 400 ग्राम कोकीन की खपत होती है. रायपुर में दिवाली और नये साल के समय होने वाली पार्टियों में इस कोकीन की कीमत 9 हजार रूपए प्रति ग्राम होती है. दिवाली के समय इस कोकीन की सप्लाई नीग्रोज के द्वारा की जाती है.

हाई प्रोफाइल घरों के बच्चे भी कर रहे हैं कोकीन का सेवन

हाई प्रोफाइल घराने के बच्चे भी अब कोकिन का सेवन करते नजर आ रहे है. सूत्रो की माने तो ये बच्चे कोकिन खरिदने के लिए अपने ही घरों में चोरी कर रहे है. आलम यह है कि कुछ बच्चे अब कोकिन पाने के लिए अपराध भी करने से नही चूक रहे है.

पुलिस नशे का करोबार रोकने के लिए मुस्तैद है

वही पुलिस अधिकारियों की माने तो उन्हें अब तक शहर में इस तरह से कोकिन लाये जाने की जानकारी नही है. लेकिन इसके बाद भी पुलिस नशे का करोबार रोकने के लिए मुस्तैद है.