पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के देवभोग-मैनपुर में भीड़ की भड़की आग अब बुझ गई है. ये कहानी प्रदर्शन से शुरू हुई और पथराव से लेकर FIR तक जा पहुंची. इसमें कई जख्मी हुए औऱ कई हिरासत में लिए गए. धान खरीदी केंद्र की मांग कब ज्वाला में तब्दील हो गई, किसी को समझ नहीं आया. अब दूसरे दिन 6 बड़े अफसर और 137 पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाला. इसमें करीब 200 ग्रामीण हिरासत में लिए गए, जिसमें 2 भाजपा नेता समेत 26 लोगों को 10 धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है. पढ़िए कैसे बुझी भीड़ की भड़की आग ?.

दरअसल, पथराव के दूसरे दिन लगातार 5 घंटे तक 137 पुलिसकर्मी औक 6 बड़े अफसर ड्यूटी में डटे रहे. धुरूवागुडी में 200 ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया. तब जा कर दूसरे दिन का प्रदर्शन टल पाया. पथराव मामले में 2 भाजपा नेता समेत 26 के खिलाफ 10 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

सोमवार को हुए पथराव के दूसरे दिन मंगलवार को एडिशनल एसपी चन्द्रेशसिंह ठाकुर, एसडीएम के हितेश पिसदा के नेतृत्व में अनुविभाग के 6 अफसर 2 टीआई,5 से ज्यादा एस आई के अलावा जिला पुलिस के 137 जवान धुरूवागुढी में मौजूद थे. घटना स्थल आज छावनी में तब्दील हो गई थी.

आज सुबह 9 बजे ग्रामीण अलग अलग वाहनों में जैसे दोबारा जाम करने धुरूवागूड़ी पहुंचे. वैसे-वैसे पुलिस अपनी रणनीति के मुताबिक सभी को अलग टुकड़ियों में अलग अलग जगह हिरासत में रखा गया. एफ सी आई गोदाम, रेस्टहाउस के अलावा इंदागांव थाना प्रांगण में सभी को नजर बन्द रखा गया.

सुबह से प्रसाशनिक अफसर बात चीत का दौर शुरू कर दिया था. 1 बजे ग्रामीण बात करने को तैयार हुए फिर दोपहर 2 बजे तक ग्रामीणों को छोड़ दिया गया. एसडीएम हितेश पिसदा ने कहा कि उनकी मांग पृथक धान खरीदी के अलावा कांडकेला आदिमजाति सहकारी समिति को वापस कांडकेला स्थापित करने का था.

मांगों के अनरूप नियमानुसार कार्रवाई जारी है. यही जानकारी ग्रामीणों को दिया गया, फिर वे दोबारा प्रदर्शन नहीं करने की बात मान ली. मौके पर एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक,सीईओ आशीष टोप्पो,तहसीलदार मोहशीन सिद्दीकी,टीआई बी एल साहू के अलावा प्रमूख रूप से मौजूद थे.

26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
सोमवार को पथराव व तोड़ फोड़ की घटना के खिलाफ पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. एडिशनल एसपी ने बताया कि मामले में 26 नामजद एव अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 294,506 बी,147,148,149, 341,332,186,353,427 के तहत मामला पंजीबद्व किया गया है.

मास्टर माइंड पर भी होगी कार्रवाई
इस प्रदर्शन के पहले कांडकेला ग्राम में रणनीति बनाई गई थी. बताया जा रहा है कि इस पूरे आयोजन के 3 मास्टर,मास्टर माइंड है. इन मास्टरों ने आवेदन लिखने से लेकर फाइनेंसिंग सपोर्ट भी किया है।बैठक के दरम्यान रणनीति बनाते हुए इनके वीडियो आला अफसरों तक पहुंचा दी गई है. कहा जा रहा है कि जल्द ही इनके ऊपर कार्रवाई होगी.

सरपंच सचिव पर कार्रवाई

6 माह पहले कांडकेला सरपंच के खिलाफ ग्रामीणों ने शिकायत की थी. जांच और कार्रवाई की मांग को लेकर इसी धुरूवागुडी के पास चक्काजाम कर दिया था. सरपंच बर्खास्त हुआ, फिर कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा चार्ज ले लिया. दोबारा चार्ज लेने के बाद फिर से शिकायत हुई है. वहां के सचिव उपेंद्र नेताम को तीन दिन पहले सस्पेंड कर दिया गया है. इन सारे घटना क्रम में स्कूल छोड़कर मास्टर जी, मास्टर माइंड की भूमिका निभाते आ रहे हैं.

कांग्रेसियों के इशारे पर भाजपाइयों पर कार्रवाई- गोवर्धन मांझी
मामले में भाजपा विधायक डमरूधर पुजारी भले ही चुप्पी साध लिए हो, लेकिन पूर्व भाजपा विधायक गोवर्धन मांझी ने कार्रवाई को गलत ठहराया है. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि किसान अपनी जायज मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बर्बरता पूर्वक निर्दोष लोगों को पीटना शुरू कर दिया. उस प्रदर्शन में कांग्रेस के भी किसान मौजूद थे, लेकिन कांग्रेसियों के इशारे पर छांट छांट कर भाजपाईयो के नाम दर्ज किए गए. मैंने एसपी कलेक्टर से बात की है. आश्वसन मिला है. आला अफसर अन्याय नहीं होने देंगे.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus