सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में पारा मोहल्ला क्लास को लेकर मंगलवार को शिक्षा विभाग ने राज्य स्तरीय बैठक की. लल्लूराम डॉट कॉम में खबर प्रसारित होने के बाद पारा मोहल्ला की रणनीति में बदलाव किया गया है. अब स्कूल स्तर की बजाय संकुल स्तर पर जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश में 36 हजार मुहल्ला क्लास है, जिसमें महज 6 लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं. जबकि प्रदेश में 56 लाख से ज़्यादा विद्यार्थी है. इसलिए मोहल्ला क्लासेस को लेकर शिक्षा विभाग को अभी कड़ी मेहनत करनी होगी. मोहल्ला क्लासेज की स्थिति और उपस्थिति को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने खबर प्रकाशित किया था. जिसके बाद यह बदलाव किया गया. राज्य में स्कूल बंद होने की स्थिति में ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास के जरिए बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.

स्कूल नहीं, संकुल स्तर पर क्लासेस की बनेगी रणनीति

SCERT के अतिरिक्त संचालक डॉक्टर योगेश शिवहरे ने बताया कि आज मोहल्ला क्लासेस को लेकर राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में मोहल्ला क्लास की रणनीति बदली गई है. अब स्कूल से नहीं, बल्कि संकुल स्तर से क्लासेस की रणनीति बनेगी, क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रहा था. मोहल्ला क्लासेस को ट्रैक करने के लिए एप्लीकेशन बनाया गया है, जहां पर शिक्षक एप्लीकेशन के माध्यम से मोहल्ला क्लासेस शेड्यूल किया जाएगा. उसकी जानकारी अपलोड की जाएगी. अभी पांचों संभाग के समीक्षा के बाद जानकारी आई है कि 36 हज़ार मोहल्ला क्लास संचालित हो रहे हैं. जिसमें 6 लाख विद्यार्थी ही पढ़ाई कर रहे हैं.

56 लाख के बजाय सिर्फ 6 लाख बच्चों को मिल रही शिक्षा

कक्षा 1 से 12वीं तक प्रदेश में 56 लाख विद्यार्थी है. जिसमें सिर्फ 6 लाख विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. यह आंकड़ा चिंताजनक है, लेकिन शुरुआती दौर होने के कारण शिक्षा विभाग को मेहनत करने की बेहद ज़रूरत है. जिससे 56 लाख विद्यार्थियों तक शिक्षा पहुंचाया जाए, क्योंकि कोरोना काल में स्कूल बंद है. इसलिए बच्चों तक शिक्षा पहुंचाना और पढ़ाई के प्रति उनका रुझान बनाए रखना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है.

लल्लूराम डॉट कॉम ने लगातार खामियों को किया उजागर

बता दें कि बच्चों के पढ़ाई से वंचित होने की खबर लल्लूराम डॉट कॉम में लगातार प्रकाशित किया है. मोहल्ला क्लासेस नहीं होने की जानकारी के साथ भी खबर प्रकाशित किया. साथ ही मोहल्ला क्लासेस में दर्ज संख्या के 1 तिहाई, कहीं दो तिहाई विद्यार्थी शामिल होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने समीक्षा की है. मोहल्ला क्लासेस में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए रणनीतिक बदली गई. शिक्षकों को वहां की स्थानीय लोगों से परमिशन लेकर मोहल्ला में क्लास लेने और अन्य जगह क्लास लेने के लिए निर्देशित किया गया.

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