छत्तीसगढ़ संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों खर्च, लेकिन अपने शोधकर्ता की नहीं छाप पाए 7 साल में भी रिसर्च बुक- पढ़िए सरगुजा से रायपुर और नागपुर तक कहानी
छत्तीसगढ़ डा. रमन सिंह- आज भी मैं जब भोपाल जाता हूँ, तो देखता हूँ, भोपाल वैसा का वैसा है, लेकिन कोई यदि रायपुर आता है, तो यहां का विकास देखकर हतप्रभ हो जाता है.