कुमार इंदर,जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पायलट प्रोजेक्ट ‘सीएम राइस स्कूलÓ योजना में सेंध लगाने का मामला सामने आया है। धरातल पर उतरने से पहले ही इस योजना को अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। कमीशनबाजी के चक्कर में अपने चहेतों की गलत तरीके से प्रिंसिपल के पद पर नियुक्ति कर दी गई है। मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, लोक शिक्षण संचनालय को नोटिस भेजा है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।

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याचिकाकर्ता के वकील सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया कि सीएम राइस स्कूल में प्रिंसिपल की नियुक्ति में बड़ा घोटाला हुआ है। सीएम राइस स्कूल में गलत तरीके से प्रिंसिपल की नियुक्ति की गई है। इस योजना के तहत हाई स्कूल के प्रिंसिपल चयन का होना था। इनकी जगह जूनियर्स को प्रिंसिपल बना दिया गया है। इस मामले में राज्य लोक शिक्षा संचालनालय का गड़बड़झाला सामने आया है।

जानकारी के अनुसार योजना के तहत मधयप्रदेश में 275 स्कूल बनाए जाने है। अभी तक कुल 127 लोगों का नियम विरूद्ध चयन किया गया है। जबलपुर में भी 11 स्कूलों का सीएम राइस के तहत चयन हुआ है। मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, लोक शिक्षण संचनालय को नोटिस भेजा है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। जानकारी के अनुसार आगे नियुक्ति हाईकोर्ट के अधीन रहेगी। एमपी सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से योजना बनाई गई है।

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