रायपुर। छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण संशोधन विधेयक आज विधानसभा में पारित कर दिया गया. नए प्रावधान के तहत चिटफंड कंपनियों के अपराध को गैर जमानती बनाया गया है. वहीं रकम दोगुना करने के विज्ञापन को भी दंडनीय अपराध बनाया गया है.

वहीं नए प्रावधानों के मुताबिक, कोई भी कंपनी किसी भी जिले में काम करने से पहले कलेक्टर को सूचना देगी. कलेक्टर की जानकारी के बगैर कोई काम नहीं किया जा सकेगा. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को सक्षम प्राधिकारी और जिला न्यायालय को विशेष न्यायालय बनाया गया है. डीएम को संपत्ति कुर्क करने का अधिकार दिया गया है.

वहीं चिटफंड कंपनी के सारे मुकदमे को अब एक कोर्ट में एक साथ चलाया जाएगा. स्पेशल कोर्ट को 240 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी करना होगा.

छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि कानून को 2015 में लागू किया जा चुका था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में पारित कानून के प्रावधानों को समाहित करते हुए राज्य सरकार द्वारा निक्षेपकों के हित में नया कानून लाया गया है.