राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए साल के तीसरे दिन एक्शन मोड पर दिखे। उन्होंने आज मंत्रालय में विभिन्न विभागों की मैराथन बैठक ली। इसी कड़ी में सामान्य प्रशासन विभाग की बैठक में सीएम शिवराज नाराज हुए। अधिकारियों पर चल रही जांच में देरी को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने नाराजगीभरे लहजे में कहा कि कई अधिकारी तो इसी में लगे रहते है कि जांच टल जाए। रुक जाए, देरी हो जाए। अधिकारी रिटायर हो जाएं, इसके बाद कर लेना। अब ये सब नहीं चलेगा, सभी जांचें समय पर हों और उचित कार्रवाई भी हो। विभाग का डिजिटाइजेशन जल्दी हो, आईटी विभाग प्रस्ताव बनाए। उन्होंने पूछा कि सामान्य प्रशासन विभाग के काम में देरी क्यों हो रही है?

बैठक में मुख्यमंत्री ने कई सवाल पूछे
1- मंत्रालय में फाइल की पेंडेंसी पता लगाने का क्या मैकेनिज्म है, औसतन फाइल कितने दिन में पूरी हो जाती हैं?
2-एसीएस- जीएडी कितनी बार विभिन्न मंत्रालयों में सरप्राइज विजिट कर रहे हैं?
3 मैदानी स्तर के अधिकारी की टूर डायरी बन रही है या नहीं। रात्रि विश्राम का क्या स्टेटस है?
4-विभागों के पीएस, एसीएस , एचओडी अपने मातहतों के अलमारी चेक कर रहे हैं या यह प्रथा बंद हो गई है? कितनी फाइल वहां पेंडिंग है, पता लगा रहे है या नही, इस प्रथा को बनाए रखना है। यह आपका काम है और जरूरी भी।
5- शासकीय कार्य के लिए शासकीय ईमेल का उपयोग हो रहा है या नहीं ?
6- मैदानी कार्यालयों का इंस्पेक्शन स्टेटस क्या है?

गुंडे-बदमाशों को नेस्तनाबूद करें, मेरे सीधे निर्देश

सीएम ने कहा बैठक में जो भी निर्देश दिए गए हैं, एक माह में इसकी दोबारा समीक्षा की जाएगी।
इसी तरह उन्होंने गृह विभाग की बैठक में भी कई निर्देश। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण की गतिविधियां हो रही हैं। ऐसी साजिश एनजीओ की आड़ में चल रही हैं। इस पर गंभीरता से विचार करें। हमें महिला और बच्चों के प्रति अपराध खत्म करना है। गुंडे-बदमाशों को नेस्तनाबूद करें, मेरे सीधे निर्देश हैं। हमारी आपदा प्रबंधन की तैयारी मजबूत होना चाहिए। जिलों की रैंकिंग को लेकर विचार हो। पुलिस कर्मियों की फिटनेस जरूरी है। पुलिसकर्मी फिटनेस को लेकर आइडियल बनें।

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