राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। निर्वाचन आयोग में मध्य प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा कर दी है. इसी के साथ सभी चुनावी क्षेत्रों में आचार संहिता लागू हो गई है. सभी प्रकार के राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, लेकिन कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर शिकायत की है. साथ ही चुनाव में अधिकारियों के निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए हैं.

एमपी कांग्रेस के चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने कहा कि 28 सितंबर की शिवराज कैबिनेट की बैठक में 4 नई तहसील बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ. जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि 28 सितंबर की सुबह चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीख और अधिसूचना जारी कर दी गई. बावजूद इसके बीजेपी की सरकार ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया.

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जेपी धनोपिया ने भारतीय निर्वाचन आयोग से मांग करते हुए कहा कि इसके संबंध में मंत्री, अधिकारी एवं मुख्य सचिव की जांच की जाए और इन पर कार्रवाई की जाए. साथ ही आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का प्रकरण दर्ज करके कार्रवाई की जाए. उन्होंने आगे कहा कि आज भी सीएम शिवराज सिंह ने निवाड़ी और टीकमगढ़ में आचार संहिता का उल्लघंन किया. धारा 144 लागू होने के बावजूद उन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाई.

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बता दें कि बीते दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में खंडवा जिले में किल्लोद और मूंदी, बुरहानपुर में धूलकोट और टीकमगढ़ में मूंदी तहसील बनाने का प्रस्ताव पारित किया. इन सभी जिलों में उपचुनाव होने हैं.

गौरतलब है कि प्रदेश की 1 लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की घोषणा कर दी है. 30 अक्टूबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी और 2 नवंबर को मतगणना होगी. खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है, जबकि पृथ्वीपुर, रैगांव और जोबट विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. खंडवा लोकसभा सीट पर बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के कोरोना से निधन के बाद सीट खाली हुई थी.

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