सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। कोरोना काल में घोड़ी बग्गी वालों के व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ा है. घोड़ियों के लिए पर्याप्त दाना पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जिस वजह से बीते 6 महीने में 12 घोड़ियों की मौत हो गई. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बग्गी वाले घोड़ियों को आधे पेट खाना खिला रहे हैं. कमजोरी के चलते घोड़ियों की मौत हो रही है.

सरदार भाई घोड़ीवाले ने बताया कि कोरोना काल में हमारा व्यापार पूरी तरीके से बंद है शादी हो रही है लेकिन हमारा व्यापार नहीं चल रहा है. हम रायपुर में कुल 13 लोग हैं और किसी के पास चार घोड़ी है किसी के पास 6 है कोरोना की वजह से लगतार 6 महीने हो गए हैं. हमारा व्यवसाय नहीं चल रहा है शादी भी हो रही है तो घोड़े गए ही नहीं है अब तक  12 घोड़ियो की मौत हुई है.

जिसमें से एक मेरी घोड़ी की भी मौत हुई है मौत भी इसी वजह से हो रहे हैं कि उनकी देखरेख नहीं हो पा रही है, स्टाफ नहीं आ रहे हैं, घोड़ियों को पर्याप्त चारा नहीं मिल पा रहा है. पेटभर हम उन्हें खाना नहीं दे पा रहे है, आधे पेट खिलाते हैं. हम लोगों में से ही कोई सब्जी बेच रहा है, कोई जोमैटो में जा रहे हैं, यदि हमारा व्यापार चालू होता है तो हम कोरोना की गाइडलाइन का पालन करेंगे.

राजाराम साहू ने बताया कि 6 महीने में 12 घोड़ियों की मौत हो गई है, उनमें से मेरी दो घोड़ियो की मौत हुई है और घोड़ियों को बच्चे की तरह पालना पड़ता है हमें बहुत दिक्कत हो रही है. हमारे पास दवा के भी पैसे नहीं है. घोड़ियों को खिलाने वाला चारा भी महंगा हो रहा है इस वजह से दिक्कत हो रही है.