अहमदाबाद । कोरोना से दुनियाभर में लोगों का हाल-बेहाल है. इस बीच गुजरात के अहमदाबाद से एक अच्छी खबर आई है. यहां कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक दवा लॉन्च की गई है. इसका नाम ‘आयुध एडवांस’ रखा गया है. आयुध एडवांस दवा को अहमदाबाद के दो सरकारी अस्पतालों में हुए ट्रायल में कोरोना के खिलाफ कारगर पाया गया है. ट्रायल के दौरान पाया गया कि 4 दिनों के अंदर ही AAYUDH एडवांस लेने वाले मरीजों ने वायरस के संक्रमण को काफी हद तक कम कर दिया.

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‘कोई साइड इफेक्ट नहीं’
आयुध एडवांस का कोई साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आया है. जिन COVID-19 रोगियों का इलाज आयुध एडवांस से किया गया वे सभी COVID-19 नेगेटिव आए और बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ जैसे लक्षणों में बेहद सुधार देखा गया. ‘कंटेम्परेरी क्लिनिकल ट्रायल कम्युनिकेशन’ मैग्जीन में छपी एक रिसर्च के मुताबिक AAYUDH कोरोना के इलाज में एडवांस स्टैंडर्ड ऑफ केयर पर खरी उतरती है. यह रिसर्च नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, अमेरिका की वेबसाइट पर भी प्रकाशित हुई है.

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इस दवा का पहला ह्यूमन ट्रायल अक्टूबर 2020 में श्रीमती एनएचएल नगर मेडिकल कॉलेज और SVPIMSR, एलिसब्रिज, अहमदाबाद में किया गया था. दूसरा ट्रायल जनवरी 2021 में GMERS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सोला, अहमदाबाद में किया गया था. पहले रिसर्च के दौरान माइल्ड Symptoms वाले COVID-19 रोगियों पर इसका प्रभाव परखा गया.  हल्के लक्षण वाले मरीजों को आयुध एडवांस दिन में चार बार दी गई. सभी मरीज 4 दिन के अंदर ठीक हो गए. ट्रांजेशनल हेल्थ साइंस और टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के मुताबिक ये दवाई रेमडेसिविर की तुलना में 3 गुना ज्यादा प्रभावी है.

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केवल चार दिनों के भीतर ही ठीक हो गए मरीज

पहले क्लिनिकल रिसर्च के सफल परिणामों के बाद बड़े ट्रायल किए गए. इसके बाद थोड़ा अधिक Symptoms वाले मरीज और बाद में ऐसे मरीज जिनको कोई गंभीर बीमारी है उन पर इसका परीक्षण किया गया. इन रोगियों को दिन में चार बार AAYUDH एडवांस की डोज दी गई और वे केवल चार दिनों के भीतर ही ठीक हो गए.

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दो प्रोडक्ट हैं बाजार में
इसके अलावा, ट्रांसलेशन हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई)- भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा रेमडेसिविर की तुलना में ‘एएयूडीएच एडवांस’ को 3 गुना अधिक प्रभावी पाया गया. गुजरात में निर्मित ‘AAYUDH Advance’ एक लिक्विड है जिसमें 21 तरह के पौधों के अर्क शामिल हैं.

50,000 से अधिक कर चुके उपयोग

आयुर्वेदिक शास्त्र इन सामग्रियों को मानव उपभोग के लिए प्रभावी और सुरक्षित बताते हैं. इसका उपयोग 50,000 से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है. इल कंपनी के दो प्रोडक्ट हैं. कोरोना के मरीजों के लिए ‘AAYUDH Advance’ और परिवार के अन्य लोगों को सुरक्षित करने के लिए ‘AAYUDH Maintain’ है.

बता दें कि यह स्टोरी अमेरिका की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी, लेकिन लल्लूराम डॉट कॉम कंपनी के किए दावों की पुष्टि नहीं करता है. 

 

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