अजय सूर्यवंशी, जशपुर। कांसाबेल विकास खंड का जामटोली गांव में चार वर्षीय बच्ची आकांक्षा की मौत के मामले की जांच के बाद बगीचा एसडीएम ने उसकी सदमे से मौत को सिरे से खारिज कर दिया है. बच्ची के लंबे समय से चल रहे सिकलिन बीमारी के उपचार की रिपोर्ट को देखतेे हुए उन्होंने कहा कि बगैर पुष्टि के यह बात कहना पूरी तरह से बेबुनियाद है.

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विदित हो कि बगीचा एसडीएम ने कुछ समाचार पत्रों में इस आशय की खबर प्रकाशित किए जाने पर घटना के सभी पहलुओं की बारिकी से जांच की गई थी. उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को प्राथमिक शाला जामटोली ग्राम पंचायत खारपानी विकासखण्ड कांसाबेल, जिला जशपुर के तीन बच्चे के स्कूल परिसर में कुकर फटने से घायल होने की खबर आई थी.

जांच में यह पाया गया है कि प्रधान पाठक जलेश्वर राम रसोई कक्ष से निकलने के बाद जब दूसरे कक्ष में गये, उस समय कक्षा 5 वी के तीन विद्यार्थी क्रमशः राखी सिदार, आकाश सिदार तथा स्वाति रसोई घर के अंदर गये, वहां राखी ने कुकर को खोलने का प्रयास किया गया, जिसके फलस्वरूप गर्म भाप तथा तरल पदार्थ निकलने के कारण उक्त तीनों विद्यार्थी झुलस गए.

आंशिक रूप से जले छात्र आकाश की छोटी बहन चार वर्षीय आकांक्षा कल उसे देखने आई थी. उसे बुखार होने के साथ पेट में दर्द था, जिसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कांसाबेल में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान 15 मार्च की सुबह उसकी मौत हो गई थी.
दरअसल, आकांक्षा विगत तीन वर्षो से सिकलिन की बीमारी के ग्रसित थी, जिसका इलाज कुनकुरी में किया जा रहा था.

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