नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में IIT कानपुर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के बीच एमओयू को मंजूरी दे दी गई है. केजरीवाल सरकार और IIT कानपुर के बीच तकनीक को लेकर समझौता हुआ है. जिसके बाद दिल्ली में अब वायु प्रदूषण के रीयल-टाइम सोर्स की सटीक जानकारी मिलेगी. वायु प्रदूषण के स्रोतों को वास्तविक समय में ट्रैक किया जाएगा. दिल्ली में वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए पूर्वानुमान जारी ‌किया जाएगा. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इससे दिल्ली के प्रदूषण के विभिन्न कारकों की पहचान करने और उनका समाधान करने में काफी मदद मिलेगी.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक की हुई, जिसमें IIT कानपुर और DPCC के बीच वायु प्रदूषण के रीयल-टाइम सोर्स अपॉर्शन्मन्ट संबंधी MoU को मंजूरी दी गई है. जिसके तहत IIT कानपुर और टीम द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के संबंध में अध्ययन किया जाएगा. इसकी मदद से दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्रोतों की वास्तविक समय के आधार पर पहचान की जाएगी. इसके अलावा वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए पूर्वानुमान भी जारी किया जाएगा.

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MoUएमओयू के तहत IIT कानपुर की तरफ से पीएम 2.5, एनओ2, सीओ2, एलिमेंटल कार्बन सहित अन्य वायु ‌प्रदूषण की निगरानी के लिए अत्याधुनिक सुपरसाइट स्थापित की जाएंगी. दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर एक्यूआई के स्तर को लेकर पूर्वानुमान जारी किया जाएगा. इसके अलावा वायु प्रदूषण को लेकर प्रतिदिन, साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक डाटा का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. दिल्ली में अत्याधुनिक मोबाइल वायु गुणवत्ता प्रयोगशाला विकसित की जाएगी, जिसकी मदद से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में साप्ताहिक और प्रतिदिन अत्याधुनिक मोबाइल प्रयोगशाला की मदद‌ से वायु गुणवत्ता की जांच की जाएगी. वहीं सुपरसाइट और मोबाइल प्रयोगशाला से मिले वायु गुणवत्ता डेटा का विस्तृत विश्लेषण कर दिल्ली के लिए कम समय और दीर्घकालिक समय के लिए विस्तृत कार्य योजना बनायी जाएगी.

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वायु प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाकर अध्ययन करने वाली पहली सरकार

यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जो वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा और इसकी मदद से वायु प्रदूषण के स्रोतों को वास्तविक समय में ट्रैक किया जाएगा. दिल्ली सरकार वास्तविक समय के आधार पर वायु प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने और उनकी निगरानी करने के लिए एक अध्ययन शुरू करने वाली पहली सरकार होगी. इससे दिल्ली के प्रदूषण में योगदान देने वाले विभिन्न कारकों की पहचान करने और उन कारकों का समाधान करने में काफी मदद मिलेगी.

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प्रदूषण के स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने में मिलेगी मदद

‘रीयल-टाइम अपॉइंटमेंट’ परियोजना से दिल्ली में किसी विशेष स्थान पर वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान करने में मदद मिलेगी. यह वाहनों, धूल, बायोमास और पराली जलाने और उद्योगों से निकलने वाले धुएं जैसे विभिन्न प्रदूषण स्रोतों के वास्तविक समय के प्रभाव को समझने में मदद करेगा. इससे प्राप्त परिणामों के आधार पर दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम उठा सकेगी.