नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि उन्होंने सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर विरोध-प्रदर्शनों को बैन कर दिया है, जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आवास स्थित है और वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. मुख्यमंत्री के घर में तोड़फोड़ के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली पुलिस (जिसका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता संजय लाओ ने किया) ने इसे स्थगित करने की मांग की, क्योंकि हलफनामे को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन द्वारा सत्यापित किया जाना बाकी है. सुनवाई के दौरान संजय जैन कुछ निजी दिक्कतों का हवाला देते हुए मौजूद नहीं थे. लाओ ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री आवास पर अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने की CM से मुलाकात, इजरायली राजदूत ने कहा- ‘मैं दिल्ली में रहता हूं, इसलिए अरविंद केजरीवाल हमारे भी मुख्यमंत्री’

कोर्ट ने 30 मई के लिए बढ़ाया मामला

अगली सुनवाई तक एक सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति देते हुए अदालत ने मामले को 30 मई के लिए बढ़ा दिया है. 25 अप्रैल को पिछली सुनवाई में अदालत ने मुख्यमंत्री के आवास के बाहर हुई बर्बरता की घटना में सुरक्षा की गंभीर चूक देखी थी, जिसके बाद पुलिस आयुक्त को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया था. पीठ ने पुलिस को दो सप्ताह के भीतर एक और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.

ये भी पढ़ें: देश कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर चिंतित, उनके प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले दागना गलत: अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल के आवास के बाहर हंगामा करने पर 70 लोगों को लिया गया था हिरासत में

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने तोड़फोड़ की घटना की स्वतंत्र जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था. 30 मार्च को दिल्ली विधानसभा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर उनकी टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की अगुवाई में विरोध-प्रदर्शन के दौरान केजरीवाल के आवास के बाहर हंगामा करने पर लगभग 70 लोगों को हिरासत में लिया गया था.

ये भी पढ़ें: बुलडोजर एक्शन पर जमकर बरसे सीएम केजरीवाल, कहा- दिल्ली के 63 लाख लोग होंगे प्रभावित, विधायक कार्रवाई के विरोध में आएं सामने