कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में बुधवार को आरोपियों से पुलिस को पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं. पुलिस की पूछताछ में सिटी अस्पताल के दवा इंचार्ज देवेश चौरसिया ने बताया कि कई नकली इंजेक्शन को उसने तोड़ा और इंजेक्शन तोड़कर सबूत मिटाने की कोशिश भी की.

बता दें कि पुलिस ने आरोपी देवेश को वहां ले गई, जहां उसने नकली इंजेक्शन को नष्ट किया था. इस दौरान पुलिस ने 4 नकली इंजेक्शन की टूटी हुई शीशियां बरामद की. जिसमें से एक- एक इंजेक्शन हॉस्पिटल की एडमिनिस्ट्रेटर सोनिया खत्री एवं मोखा की पत्नी जसमीत मोखा और दो टूटी हुई इंजेक्शन देवेश चौरसिया से बरामद किया है.

इसे भी पढ़ें ः SI ने कोविड नियमों को ताक पर रखकर रचाई बेटे की शादी, प्रशासन ने दी ये सजा

पुलिस को अबतक की जांच में ये जानकारी मिली है कि मोखा की पत्नी जसमीत और सिटी अस्पताल की एडमिनिस्ट्रेटर सोनिया ने सुबूतों को छुपाया था. साथ ही पुलिस को गुमराह भी किया था. वहीं पुलिस ने इस मामले में इंदौर के राकेश मिश्रा को भी आरोपी बनाया है. जिसकी जबलपुर पुलिस को तलाश है. जानकारी के मुताबिक पुलिस अब सरबजीत सिंह मोखा की चल-अचल संपत्ति की तलाश में जुटी हुई है.

इसे भी पढ़ें ः कोरोना का कहर : दुल्हन की मेहंदी का रंग छूटने के पहले ही उजड़ गया सुहाग, शादी के 23 दिन बाद कोरोना ने ले ली युवक की जान

आपको बता दें कि सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत मोखा और सिटी अस्पताल की एडमिनिस्ट्रेटर सोनिया खत्री शुक्ला 20 मई तक पुलिस रिमांड पर हैं. जिनसे लगातार पूछताछ जारी है. वहीं पुलिस मोखा के बेटे हरकरण मोखा की तलाश कर रही है. पुलिस हरकरण की गिरफ्तारी के लिए इनाम भी जारी करेगी.

इसे भी पढ़ें ः पूर्व मंत्री के बिगड़े बोल, कहा- PM मोदी और शिवराज पर चलना चाहिए हत्या का केस