रायपुर। पूर्व में कोरोना के विरुद्ध प्रारंभ हुए जंग में बिना वैक्सीन के केवल कोरोना अनुकूल व्यवहार परिवर्तन कर डॉक्टरों ने कोरोना पीड़ितों का इलाज कर अपनी भूमिका साबित की। ठीक इसी तरह इन दिनों कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगों के मन में विश्वास कायम करने के लिये हेल्थ केयर वर्कर्स के रूप में डॉक्टर पुनः अपनी भूमिका साबित कर रहें हैं। विगत सप्ताह 16 जनवरी को शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरूआत के साथ ही वरिष्ठ डॉक्टरों ने तत्परता से कोरोना का टीका लगवाकर आम जनों के समक्ष साहस एवं विश्वास की नई मिसाल कायम की। इसी क्रम में आज डीकेएस पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च इंस्टीट्यूट की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा एवं अम्बेडकर अस्पताल में सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह ने कोरोना का टीका लगवाया।

डॉ. शिप्रा शर्मा टीकाकरण के माध्यम से लोगों को संदेश देती हैं कि जब आप बीमार होते हैं तो आपका पूरा परिवार जोखिम के दायरे में होता है। वहीं जब आप टीका लगवाते हैं तो आप अपनी और पूरे परिवार की सुरक्षा करते हैं। आपके द्वारा लगाये गये कोरोना का एक टीका पूरे समुदाय में कोरोना के प्रसार को कम कर सकता है।

टीके आपके समग्र स्वास्थ्य के लिये उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की आहार। कोरोना से बचाने वाले इस टीके का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। कोरोना टीका लगवाने के बाद 30 मिनट के ऑब्जर्वेशन के बाद मैंने अस्पताल जाकर मरीजों को देखा। इस टीके के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह आपको स्वस्थ्य रखने में मदद करेगा। कोविड-19 टीकाकरण शरीर में कोरोना के प्रति प्रतिरक्षा तंत्र के निर्माण के लिये बेहद ही सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।