अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कर दी गई है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने चिकित्सा महासंघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की है. जिसमें चिकित्सा महासंघ की मांगों को लेकर हाई पावर कमेटी बनाने की बात कही है. मंत्री सारंग ने आश्वासन दिया है कि समिति महासंघ की मांग को लेकर सुझाव देगी. सरकार समय सीमा में सभी सुझावों पर विचार कर लागू करेगी. इस समिति में महासंघ में शामिल सभी विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

प्रदेश भर के डॉक्टर ने हड़ताल डॉक्टर हुई ख़त्म

प्रदेश भर की चिकित्सा सुविधाएँ दोबारा बहाल होंगी. मध्य प्रदेश शासकीय /स्वशासी चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक राकेश मालवीय ने कहा कि अभी तक हमारी सरकार से बातचीत नहीं हो पाई थी. लेकिन आज हमारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री से बातचीत हुई है. उन्होंने हमारी एक मीटिंग मुख्यमंत्री के साथ भी फिक्स करवाई है. हमें आश्वासन मिला है कि आज शाम तक हाई पावर कमिटी के लिए ऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे. 1-2 हफ़्ते में कमेटी का निर्माण भी हो जाएगा. हमारी जो दो मुख्य माँगे हैं पहली DACP और दूसरी सरकारी प्रतिनिधियों का दखलंदाजी, उन दोनों पर कमेटी के निर्माण की सहमति बनी है. इसलिए हड़ताल स्थगित की जा रही है. हम इंतज़ार करेंगे कि हमारी माँगे कब तक पूरी होती है. अगर दोबारा से माँगे टाली गई तो हम दोबारा सड़कों पर होंगे.

दरअसल मध्यप्रदेश में बुधवार से डॉक्टर्स हड़ताल (Doctors strike in MP) पर थे. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मध्यप्रदेश चिकित्सक महासंघ के बैनर तले हड़ताल का ऐलान किया गया था. हड़ताल को सरकारी जूनियर डॉक्टर्स और डॉक्टर से जुड़े 7 संगठनों का समर्थन मिला था.

16 फरवरी को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक कार्य बंद रखकर डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. जिसमें रूटीन कार्य दिन में ओपीडी, आईपीडी ऑपरेशन, एमएलसी और पोस्टमार्टम जैसे कार्य बंद रखा गया, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू थी. आज 17 फरवरी को सुबह 8 बजे से संपूर्ण कार्य बंद किया जाना था. लेकिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने चिकित्सा महासंघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर हड़ताल खत्म करवा दिया है.

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बता दें कि मध्य प्रदेश का चिकित्सा स्तर देश की सूची में लगातार निचले पायदान पर आ रहा है. लगातार चिकित्सकों को शासकीय अस्पतालों मेडिकल कॉलेजों से नौकरी छोड़ना पड़ रहा है. हर स्तर पर विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होती जा रही है. पिछले 20 सालों से कार्यस्थल में उचित चिकित्सा आधारभूत संसाधनों की कमी है.

यही वजह है कि इन सभी व्यवस्थाओं को मजबूत करने के साथ ही DACP और पुरानी पेंशन लागू करने की मांग उठाई गई. मध्य प्रदेश भर के 13 मेडिकल कॉलेज को जोड़ते हुए 38 जिलों में चिकित्सक बचाओ चिकित्सा बचाओ यात्रा भी निकाली जा चुकी है. अब देखना होगा कि कब तक इनकी मांगों को पूरा किया जाता है.

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