Dussehra Special: दशहरे पर जलेबी खाने की परंपरा सदियों पुरानी है. लेकिन, इस दिन जलेबी खाने का क्या कारण है, प्राचीन परंपरा के अनुसार जलेबी और पान के बिना दशहरा का त्योहार अधूरा है. इसीलिए दशहरे के दिन लोग घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं और जलेबी भी बनाते हैं.
फिर जब रावण का दहन किया जाता है तो जलेबी खाकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं. अंत में दशहरे के त्यौहार पर हम दही और चीनी भी खाते हैं. लोक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम को शशकुली नामक मिठाई बहुत पसंद थी. आजकल इसे मिठाई जलेबी के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने इसे खाकर रावण पर अपनी जीत का जश्न मनाया था. इसी मान्यता के साथ लोग इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. हालाँकि, शास्त्रों में इससे कोई विशेष संबंध नहीं बताया गया है.
दशहरे के दिन जलेबी के अलावा पान और फाफड़ा खाने की भी परंपरा है. रावण दहन के बाद लोग एक-दूसरे को पान खिलाते हैं और गले मिलते हैं.
इसके साथ ही कई जगहों पर लोग जलेबी और फाफड़ा खाकर भी जश्न मनाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन लोग अधर्म पर धर्म की जीत का जश्न मनाते हैं. इसके अलावा कई संस्कृतियों में सुपारी को स्वास्थ्य, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए दशहरे पर इसे खाना शुभ माना जाता है. (Dussehra Special)
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