शिखिल ब्यौहार, भोपाल। एमपी की सियासत में जनरेशन चेंज की कवायद शुरू हो चुकी है। लेकिन कांग्रेसी खेमे के वरिष्ठों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का माहौल गर्म है। दरअसल, दिल्ली हाईकमान ने प्रदेश की कमान जीतू पटवारी के हाथों में दी है। तो नेता प्रतिपक्ष के लिए भी युवा चेहरे के रूप में उमंग सिंगार को चुना गया। इसके अलावा युवा नेता हेमंत कटारे को भी जिम्मेदारी मिली। 

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संभावना इस बात की भी लगाई जा रही है कि पटवारी की पारी में यूवा नेताओं को ही तवज्जो दी जाएगी। तो दूसरी ओर राष्ट्रीय संगठन स्तर पर फिलहाल बदलाव की संभावना कम है। राजनीतिक चर्चाओं के दौर में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, डॉ. गोविंद सिंह, सुरेश पचौरी समेत अन्य दिग्गजों की एमपी पॉलिटिक्स में भूमिका को लेकर संदेह जताया जा रहा है। 

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मामले पर कांग्रेस ने यह साफ किया कि वरिष्ठों की भूमिका परिवार के मुखिया के तरह ही रही है। लिहाजा उनके मार्गदर्शन में ही संगठन आगे बढ़ेगी। पर जिम्मेदारी क्या मिलेगी इस सवाल का जवाब फिलहाल न तो कांग्रेसी विधायकों के पास है न ही संगठन के पास। 

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उधर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता बृजगोपाल लोया ने कांग्रेसी वरिष्ठों को लेकर तंज कसते हुए कहा कि रिटायरमेंट की उम्र में भी तमाम दिग्गजों का मोह भंग नहीं हो रहा है। पीढ़ी परिवर्तन राजनीति का पहला और बड़ा सच है। बीजेपी के निर्णयों में यह दिखाई भी देता है। कांग्रेस के दिग्गजों में शामिल प्रदेश को गर्त में लाकर खड़ा करने वाले कमलनाथ, दिग्विजय, सज्जन सिंह वर्मा समेत अन्य नेताओं की घर की रवानगी करनी चाहिए। 

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