पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा. विधानसभा चुनाव नजदीक आ चुका है जिसको लेकर प्रशासन दुरुस्थ दिखाई दे रहा है लेकिन यहां से एक सिपाही से चुनाव से जड़ी जानकारी मांगने पर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. दरअसल गीदम थाना में पदस्थ सिपाही से पुलिस चुनाव से जुड़ी जानकारी मांगा गया लेकिन जानकारी देने के बजाय उल्टा जवाब देते नजर आया. मंगलवार को जिले से सभी थानों पर वाट्सअप से चुनाव संबंधी जानकारी मांगी गई थी. बाहर से आने वाले बल की मुलभुत सुविधाओं से जुड़ी जानकारी थी. इस मामले में गीदम पुलिस थाने में एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने थाना प्रभारी से जबाब मांगा है. साथ ही लिखा है कि टीप के साथ स्पष्टीकरण दो.

चुनाव सेल ने गीदम थाने में फोन किया और जानकारी लेनी चाही तो फोन पर आरक्षक नागेन्द्र वर्मा ने कहा थाना में कोई और काम नहीं है क्या? तुम्हारा ही काम करते रहेंगे. इस तरह के जवाब से पता चलता है की इस थाना में अनुशासन समाप्त हो चुका है. जब कि पुलिस का दूसरा नाम ही अनुशासन है.  यहां वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश भी बौने साबित हो रहे है.

इसी थाना से जुड़ा एक और मामला है. प्रधान आरक्षक नाग 10 वर्षो से इसी थाना में पदस्थ है. ट्रांसफर कटे कल्याण हुआ. यह आदेश 48 घंटे भी स्टैंड नहीं रह सका. राजनैतिक दबाव और लंबी पहुँच के चलते प्रधान आरक्षक का तबादला आदेश को निरस्त करना पड़ा. आदेश में यथावत रहने की बात लिखी गई है. एक बार फिर सिपाही की हिमाकत ने सवाल खड़े किये है. फिलहाल एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने थाना प्रभारी से जबाब मांगा है. साथ ही लिखा है कि टीप के साथ स्पष्टीकरण दो.

सभी थानों ने जानकारी मुहैया कराई गई लेकिन गीदम थाने ने जानकारी नहीं दी. जिस मामले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से पत्र जारी किया गया है. जिसमें लिखा गया है कि सभी थानों ने जानकारी उपलब्ध करवा दी है, पर गीदम थाना ने नहीं. जब इस सम्बन्ध में बात की तो आरक्षक नागेन्द्र वर्मा ने बेतुका जवाब दिया. चुनाव सेल ने पूरी बात एसपी के सामने राखी है. फिलहाल पत्र पर जवाब मांगा गया है, कोई करवाई नहीं हुई है.

पिछले दो माह से गीदम थाना सुर्ख़ियो में बना हुआ है. आरक्षक बेलगाम हो चुके है, अधिकारियों की बात नहीं सुनते है. सिपाही दशकों से जमे रसूक के चलते भारी पड़ रहे है. चुनाव सेल से आये आदेश की अवेहलना इसी ओर इशारा कर रही है.