शरद पाठक, छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में बोहनाखेरी गबन कांड में एक नया खुलासा सामने आया है। आरोपी सचिव राकेश चंदेल ने एक जीवित महिला को रोड एक्सीडेंट में मृत बताकर शासन से 4 लाख की राशि का गबन किया है। इसके लिए उसने फर्जी एफआईआर और फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट लगाकर शासन को धोखा दिया है। मंगलवार को मृत महिला ने कलेक्ट्रेट आकर कलेक्टर से कार्रवाई करने एवं पंचायत द्वारा बंद की गई। सुविधाओं को उन्हें शुरू करने तथा सरकारी रिकॉर्ड में उसे वापस जिंदा दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। सचिव के इस कृत्य से गरीब महिला को मिलने वाली तमाम सरकारी सुविधाएं पिछले 2 साल से बंद हैं।

इसे भी पढे़ं : डिलीवरी के दौरान कश्मीर में तैनात जवान की पत्नी और बच्चे की मौत, फेल सरकारी तंत्र के चलते शव के लिए घंटे परेशान होते रहे परिजन

सचिव राकेश चंदेल द्वारा बोहनाखेरी निवासी किरण मालवीय नामक महिला को छिंदवाड़ा के सिवनी रोड पर घाट परासिया में बंजारी मंदिर के सामने 14 जनवरी 2020 को सड़क हादसे में मृत बताकर शासन की योजना के 4 लाख की राशि का गबन कर लिया। यह राशि महिला के परिजनों को नहीं बल्कि पंचायत सचिव के खाते में जमा हुई थी । सचिव द्वारा लगाए गए फर्जी दस्तावेजों में 14 जनवरी 2020 को सड़क एक्सीडेंट की रिपोर्ट अपराध क्रमांक 019 धारा 279, 337, 304 ए के अंतर्गत थाना कुंडीपुरा में दर्ज बताई गई है ।इसके अलावा पीड़िता की फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी प्रकरण में लगाई गई है।

इसे भी पढे़ं : BREAKING: व्यापम आरक्षक भर्ती घोटाले में CBI कोर्ट का बड़ा फैसला, 8 दोषियों को सुनाई 7-7 साल की सजा

पंचायत के रिकॉर्ड में मृत घोषित होने के बाद पीड़िता को अनाज एवं अन्य शासकीय योजना के लाभ मिलना बंद हो गए थे। जिसके कारण उसका गांव में रहना मुश्किल होता जा रहा था। इसलिए वह गांव छोड़कर छिंदवाड़ा में आकर रहने लगी और मजदूरी करके गुजर बसर कर रही थी। आज इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता ने कलेक्टर को आवेदन देकर उसे कागजों में उन्हें जीवित करने का अनुरोध किया है।

इसे भी पढे़ं : वृद्धाश्रम के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का भंडाफोड़, किराए की महिलाओं के सहारे चलाया जा रहा था आश्रम, सरकार से हर साल मिल रहा था लाखों का फंड

बता दें कि बोहनाखेरी में ग्राम पंचायत संचिव राकेश चंदेल और पंचायत रोजगार समन्वयक अंधवान द्वारा गांव के ही 23 जिंदा व्यक्तियों को मृत घोषित करके कर्मकार मंडल सहायता योजना के दो -दो लाख रुपये की सहायता राशि का गबन किए जाने का आरोप है। जांच में कुल 46 लाख रुपए गबन किए जाने का मामला सामने आया था। जानकारी के मुताबिक पंचायत सचिव ने 106 लोगों के मृत्यु के दावे पेश किए गए थे। जिसमें कि 23 दावों को फर्जी पाया गया था।

इसे भी पढे़ं : मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद, ऊर्जा मंत्री ने कहा- हजार चूहे खाकर बिल्ली हज को चली