चंडीगढ़। गेहूं पर बोनस देने और 10 जून से धान की रोपाई करने की अनुमति देने समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब के 23 किसान यूनियन विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे मंगलवार को चंडीगढ़ कूच करने वाले थे, लेकिन उन्हें पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक रखा है. फिलहाल चंडीगढ़ बॉर्डर पर ही किसान धरना दे रहे हैं. इधर चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर जमे किसान यूनियनों के नेता CM भगवंत मान से मुलाकात के लिए रवाना हो गए हैं. यह मीटिंग चडीगढ़ स्थित सीएम हाउस में होगी. किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सीएम से बातचीत फेल हुई, तो फिर वे हर हाल में चंडीगढ़ रवाना होंगे.

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किसान संगठनों पर भड़के सीएम भगवंत मान

इधर CM भगवंत मान किसानों के आंदोलन पर भड़क उठे हैं. उन्होंने चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को अनचाहा और अनावश्यक करार दे दिया. भगवंत मान ने कहा कि किसानों को आंदोलन की राह पकड़ने के बदले पानी बचाने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे कम से कम एक साल का वक्त तो दो.

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सीएम भगवंत मान ने किसानों से मांगा विकास कार्यों में साथ

सीएम भगवंत मान ने कहा कि धान की रोपाई के लिए जोनवाइज कार्यक्रम से किसानों के हितों को नुकसान नहीं होगा. इससे राज्य में भूमिगत पानी को बचाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं और उनकी जरूरतें जानता हूं. मैं धान रोपाई के लिए 10 जून और 18 जून के बीच का फर्क भी अच्छी तरह से जानता हूं. पानी और हवा बचाने में मेरा कोई निजी हित नहीं, बल्कि कुदरत के स्रोतों को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है. किसानों को धरने-प्रदर्शन के बजाय पंजाब और पंजाबियों की बेहतरी के लिए मेरा साथ देना चाहिए.

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पंजाब सरकार से किसानों की चर्चा कई बार हो चुकी है असफल

बता दें कि इससे पहले किसानों की पंजाब सरकार से साथ अपनी मांगों को लेकर हुई चर्चा असफल हो चुकी है. किसान संगठनों का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने न तो अब तक गन्ने का बकाया दिया, न बोनस देने के वादे को पूरा किया, न तो चिप वाले मीटर न लगाने की किसानों की मांग पर फैसला लिया, न मूंग की एमएसपी पर खरीद का वादा पूरा किया. वहीं बासमती के दाम और खरीद का नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया गया है.

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पंजाब सरकार पर किसान संगठनों ने लगाए आरोप

एक तरफ पंजाब सरकार ने किसानों से चरणबद्ध धान की रोपाई का आग्रह किया है और राज्य को 4 क्षेत्रों में विभाजित किया है. इसके तहत 18 से 26 जून तक धान की रोपाई का कार्यक्रम तय किया गया है. वहीं किसान नेताओं ने पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है और कहा है कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में असफल साबित हुई है. किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि बीबीएमबी के मुद्दे पर 25 मार्च को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था, लेकिन पंजाब सरकार इस मामले पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं कर सकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने डैम सेफ्टी बिल पारित करके भाखड़ा डैम का पूरा प्रबंध पंजाब से छीन लिया है, फिर भी पंजाब सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे है.