हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर नगर निगम में फर्जीवाड़े की कई खबरें पहले भी सामने आ चुकी है। इस बार 28 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जहां पांच फर्मों ने बिना काम किया ही नगर निगम के एकाउंट डिपार्टमेंट तक अपने बिल पहुंचवा दिए। इन बिलों पर साइन होने के लिए हर एक अधिकारी के दफ्तर से होती हुई फाइल एकाउंट डिपार्टमेंट तक पहुंच गई। एकाउंट डिपार्टमेंट के ऑडिट डिपार्मेंट ने जब इस फाइल की जांच की तो पता चला यह काम हुए ही नहीं है। जिनके केवल बिल लगा दिए गए हैं।

नगर निगम के अधिकारियों ने एमजी रोड थाने पहुंचकर निव कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद साजिद, ग्रीन कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद सदीक, किंग कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद जाकिर, क्षितिज इंटरप्राइजेज के रेणु वडेरा और जानवी इंटरप्राइजेज के राहुल वडेरा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 में FIR दर्ज करवाई है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।

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महापौर ने प्रमुख सचिव को लिखा पत्र

अब इस मामले में इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय समिति का गठन कर निष्पक्ष जांच करवाने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है इसमें निकाय के संबंध में विभागों की संलिप्तता प्रतीत होती है। जिस पर जिम्मेदारों की भूमिका सामने आएगी। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। इधर इस पूरे मामले में निगम आयुक्त शिवम वर्मा के मुताबिक इन सभी कंपनियों के पूर्व में किए गए भुगतानों की जानकारी निकाली जा रही है। क्या इन कंपनियों ने पूर्व में भी इस तरह की की धोखाधड़ी की है और किन अधिकारियों की इस मामले में संलिप्तता है। इसकी भी विभागीय जांच करवाई जा रही है।

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