छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ की प्रांत स्तरीय आपात बैठक 12 जून को

रायपुर। राज्य में संविदा कर्मचारियों का एक बड़ा घटक मनरेगा कर्मी नियमितीकरण की मांग को लेकर बीते 2 महीने से अधिक से हड़ताल पर हैं. आंदोलन को लेकर सरकार का ढुल-मुल रवैया और मनरेगा के 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति को लेकर प्रदेश के 54 विभागों के संविदा कर्मचारियों का सबसे बड़े संगठन छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ भी अब इस आंदोलन में कूदने की मंशा बना रहा है. इस संबंध में महासंघ के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों की एक बैठक 12 जून को रायपुर में होगी.

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी के अनुसार, राज्य के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर मुख्यमंत्री ने पूर्व में घोषणा की थी, जिसके लिए कमेटी का गठन किया गया था. परंतु कमेटियों के बार-बार गठन करने और उनकी अनुशंसा रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक न करने को लेकर संविदा कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. इसी दौरान मनरेगा के संविदा कर्मचारियों के आंदोलन को जिस प्रकार से राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हतोत्साहित किया गया और 21 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की गई, उससे प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है. स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ राज्य सरकार से नियमितीकरण की मांग को जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध किया है, अन्यथा प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारी भी अब आंदोलन पर जाने को बाध्य होंगे.

गौरतलब है कि प्रदेश में मनरेगा कर्मचारियों के आन्दोलन से ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी का काम प्रभावित हो रहा है. राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण, उच्च शिक्षा, राजस्व, महिला बाल विकास, कृषि जैसे 54 महत्वपूर्ण विभागों में लगभग 45 हजार संविदा कर्मचारी अपनी सेवा दे रहे हैं. पूर्व में 13 मई को छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने मनरेगा के आंदोलन को समर्थन देने के उद्देश्य से एक दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल की थी, जिससे आमजन को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था. ऐसे में यदि प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारी भी आंदोलन पर चले गए तब स्थिति काफी भयावह हो सकती है.