नई दिल्ली। आज जीसैट-6ए सैटेलाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र के दूसरे लॉन्‍च पैड से शाम 4 बजकर 56 मिनट पर प्रक्षेपित होगी. यह इस प्रक्षेपण यान की 12वीं उड़ान होगी. इसरो ने कहा कि उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिए भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है. ये उपग्रह चंद्रयान मिशन के लिए भी बेहद उपयोगी है.

ये सैटेलाइट देश की सेनाओं के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. जीसैट-6 ए की लॉन्चिंग से सेनाओं को दी जाने संचार सुविधाओं की गुणवत्ता में और ज्यादा सुधार होगा. जीसैट-6 साल 2015 से अपनी सेवाएं दे रहा है.

जीसैट-6 ए की खास बातें

जीसैट-6ए का वजन 2,140 किलो है. इसमें प्रयोग हुआ रॉकेट 49.1 मीटर लंबा है और इसका वजन 415.6 टन है. लॉन्‍च होने के 17 मिनट बाद जीसैट-6ए कक्षा में पहुंच जाएगा. इस पूरे मिशन की कीमत 270 करोड़ रुपए है और ये मिशन 10 साल के लिए है.

जीसैट- 6 को लॉन्च करने के बाद S-बैंड कन्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-6ए भारत का दूसरा सैटेलाइट है. S-बैंड विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम क्षमता वाली ये सैटेलाइट 2 से 4 गीगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी को कवर करने में सक्षम है. ये अन्य कम्यूनिकेशन सैटेलाइट, मौसम राडार और सतह जहाज रडार द्वारा उपयोग किया जा सकता है. S-बैंड सैटेलाइट का 2.5 गीगाहर्ट्ज बैंड 4जी ट्रांसमिशन के लिए इस्तेमाल होता है.

जीसैट-6ए में हब कम्यूनिकेशन लिंक के लिए 0.8 मीटर लंबा एंटीना भी होगा. इसका अनफर्बल एंटीना 6 मीटर लंबा और इसका आकार छाते की तरह है. एक बार सैटेलाइट ऑर्बिट में प्लेस होते ही इसका एंटीना खुल जाएगा.

जीसैट-6ए के जरिए 6m S-बैंड अनफर्बल एंटीना और हैंडहेल्ट ग्राउंड टर्मिनलों के प्रदर्शन के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा सकेगा.

इस सैटेलाइट को 3 चरण में लॉन्च किया जाएगा. जीसैट-6ए को इसरो के जीएसएलवी-F08 रॉकेट पर लॉन्च किया जाएगा.