नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने कुछ ही दिनों पहले करीब 200 चीजों पर लगने वाले टैक्स में कटौती की है. कई सामान जिन पर 18 फीसदी टैक्स लिया जा रहा था, वो अब 5 पर्सेंट जीएसटी के दायरे में है. इसके बाद लोगों को लगा था कि अब उन्हें सामान की कीमतों में राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. जिसके बाद अब केंद्र सरकार अहम कदम उठाने का ऐलान किया है.

बनेगी नेशनल एंटी प्रॉफिटिंग अथॉरिटी

अब केंद्र सरकार ने दुकानदारों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए नेशनल एंटी प्रॉफिटिंग अथॉरिटी यानि NAA (‘ना’) बनाने का ऐलान किया है. ताकि लोगों को टैक्स में जो बदलाव हुए हैं, उसका फायदा दिया जा सके. राष्ट्रीय मुनाफारोधी प्राधिकरण जल्द ही अस्तित्व में लाने की बात सरकार ने कही है.

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि अगर किसी भी उपभोक्ता को लगता है कि जीएसटी की नई दरों के हिसाब से उसे लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो वो अथॉरिटी से इसकी शिकायत कर सकता है.

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वहीं सरकार ने रेस्टॉरेंट के खाने पर भी टैक्स 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है, बावजूद इसके लोगों के बिल में इसका कोई लाभ नहीं दिख रहा. ऊपर से होटल और रेस्टॉरेंट मालिक खाने की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. दरअसल सरकार ने पांच फीसदी इनपुट टैक्स क्रेडिट को खत्म किया है, इसे लेकर उनमें नाराजगी है.

कंपनी का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द

अगर किसी कंपनी या प्रतिष्ठान ने सस्ती चीजों को महंगा बेचा, तो राष्ट्रीय मुनाफारोधी प्राधिकरण उस कंपनी या प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकेगी. साथ ही जुर्माने की कार्रवाई भी की जाएगी.

कैसे काम करेगी अथॉरिटी

स्थानीय स्तर की शिकायत को राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी और राष्ट्रीय स्तर की शिकायतों को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाएगा. शिकायतें अगर सही पाई गईं, तो उन्हें जांच के लिए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेफगार्ड के पास भेजा जाएगा. इसके डीजी 3 महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट एंटी-प्रॉफिटिंग अथॉरिटी को भेजेंगे.

 

अथॉरिटी को रिपोर्ट से लगा कि संबंधित कंपनी ने जीएसटी का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं दिया है, तो वो कंपनी को अपने शिकायतकर्ता ग्राहक को लाभ देने के लिए निर्देशित करेगा. अगर ग्राहक की पहचान नहीं है, तो फिर कंपनी को वो राशि “उपभोक्ता कल्याण कोष” में जमा करानी होगी.

कमेटी में होंगे 5 सदस्य

कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा के नेतृत्व में 5 सदस्यों की कमेटी गठित की जाएगी, जो अथॉरिटी के चेयरमैन और सदस्यों का नाम तय करेगी. चयन कमेटी में राजस्व सचिव हसमुख अढिया, सीबीईसी चेयरमैन वी. सरना तथा दो राज्यों के मुख्य सचिव भी होंगे.