कपिल शर्मा, हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा (Harda) जिले से दो अलग-अलग खबर सामने आई है। पहली खबर श्रम कानून (Labor Law) से जुड़ी हुई है। जिसमें तीन नर्सिंग होम (Nursing Home) पर श्रम कानून उलंघन करने पर लेबर इंस्पेक्टर ने केस बनाया है। वहीं दूसरा मामला जिला न्यायालय से है। जहां लोगों के स्वास्थ्य (Health) के साथ खिलवाड़ करने वाले अन्नपूर्णा भोजनालय (Annapurna Restaurant) के संचालक को 13 साल बाद सजा सुनाई गई। कोर्ट ने संचालक को 1 वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

श्रम कानून की धज्जियां उड़ाने पर तीन प्राइवेट नर्सिंग होम पर केस

शहर के निजी नर्सिंग होम में श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। जिसपर लेबर इंस्पेक्टर ने जांच के दौरान सदभावना हॉस्पिटल, मिशन नेत्रालय और बघेल हॉस्पिटल पर श्रम कानून उलंघन के केस बनाया है। अपर कलेक्टर, सीएमएचओ व लेबर इंस्पेक्टर की सययुक्त टीम ने बुधवार को शहर के चार निजी नर्सिंग होम का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान श्रम कानून का उलंघन पाए जाने पर 3 नर्सिंग होम केस दर्ज किया गया।

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निजी नर्सिंग होम अपनी मन मर्जी से चल रहे है। कई दिनों से लगातार शिकायत मिलने के बाद भी निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई नहीं की जा रही थी। खबर प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आई। जिसपर संचालनालय से प्राप्त पत्र के आधार पर बुधवार को एडीएम प्रवीण फुलपगारे, सीएमएचओ एचपी सिंह एवं श्रम अधिकारी महेंद्र सिंह द्वारा शिवम वाटिका स्थित सिटी नर्सिंग होम, सदभावना हॉस्पिटल, मिशन नेत्रालय और बघेल हॉस्पिटल का औचक निरक्षण किया गया। जिसमें हॉस्पिटल के दस्तावेज, साफ सफाई, कर्मचारियों की जानकारी ली गई। साथ ही 3 हॉस्पिटल द्वारा कर्मचारियों को नगद भुगतान किये जाने पर श्रम अधिकारी द्वारा केस बनाया गया।

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अपर कलेक्टर प्रवीण फूलपगारे ने बताया की स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर शहर के चार निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया गया। हॉस्पिटल में कार्य करने वाले डॉक्टर्स ,नर्स व स्टाफ के शिक्षा संबंधी प्रमाण पत्र चेक किए और अन्य दस्तावेज लिए गए है। साथ ही फायर एनओसी, बिल्डिंग की परमिशन, पार्किंग व्यवस्था, कचरा निपटान के दस्तावेज लिए गए है। जिनकी जांच जारी है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। 3 हॉस्पिटलों में श्रम कानून का उल्लंघन पाया गया। अपर कलेक्टर के निर्देश पर श्रम अधिकारी ने सदभावना हॉस्पिटल, मिशन नेत्रालय और बघेल हॉस्पिटल मे श्रम कानून का उल्लंघन पाये जाने पर केस बनाया है।

जिला न्यायालय ने भोजनालय संचालक को सुनाई साल की सजा

लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अन्नपूर्णा भोजनालय संचालक को हरदा जिला न्यायालय ने 13 साल बाद 1 वर्ष की सजा एवं 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। इसमे खास बात यह भी है की अन्नपूर्णा भोजनालय जिला न्यायालय के मुख्य द्वारा के सामने ही स्थित है।

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खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेंद्र कांबले ने जानकरी देते हुए बताया की जिला न्यायालय के सामने स्थित अन्नपूर्णा भोजनालय में 24 जून 2010 को समय शाम 5:00 बजे के लगभग तत्कालीन खाद्य एवं ओषधि विभाग के निरीक्षक सकूनतला मिश्रा पहुंची। उन्होंने अन्नपूर्णा भोजनालय से भोजन पकाने के लिए खाद्य पदार्थ सोयाबीन तेल का जांच किया गया।

जांच में सोयाबीन के तेल में अपमिश्रित पाया गया । जिसमें 7(1) सहपठित धारा 16 (1)(a)(i) खाद्य अपमिश्रित निवारण अधिनियम 1954 का अपराध के अंतर्गत आरोपी विक्की हेमानी पिता नैनूमल हेमानी उम्र 37 वर्ष को 9 फरवरी 2023 को न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदा ने दोषसिद्ध करते हुए 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

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