राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद शिवराज कैबिनेट की पहली प्रत्यक्ष बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा नाराज हो गए. बैठक में उन्होंने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के 3 सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ की टेंडर करने पर आपत्ति जताई. गृहमंत्री ने सिंचाई के दो मेगा प्रोजेक्ट पर आपत्ति ली और 8800 करोड़ रुपये की दो और एक अन्य परियोजना को छूट देने पर नाराजगी जाहिर कर दी. सीएम शिवराज के सामने चली लंबी चर्चा में अफसर गृहमंत्री को संतुष्ट नहीं कर सके, और उन्होंने बार बार भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर कई सवाल खड़े किए, लेकिन इसके बाद भी बाकी के मंत्रियों की मंशा के अनुरूप संबंधित प्रोजेक्ट को पास कर दिया गया. जिसके बाद नरोत्तम मिश्रा अफसरों के ऊपर झल्ला गए.

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दरअसल कैबिनेट में 8800 करोड़ रुपये के दो मेगा सिंचाई प्रोजेक्ट का प्रस्ताव आया. इन परियोजनाओं में बजट लिमिट को आगे बढ़ाने की छूट का भी प्रस्ताव रखा गया. इस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मुख्य सचिव इकबाल बैस से सवाल किए.  मिश्रा के सवालों का जवाब देते हुए मुख्य सचिव ने बताया कि नर्मदा जल बटवारे के तहत 2024 तक ज्यादा से ज्यादा पानी एमपी को मिले, जिसके लिए पाइप लाइन डालकर पानी को लिफ्ट करना जरूरी है. हालांकि उनके इस जवाब नरोत्तम मिश्रा संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने कहा कि पहले बांध बनाने का काम हो, फिर पाइप खरीदी का काम हो. हालांकि नर्मदा घाटी विकास मंत्रालय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पास है. लेकिन वह इस मामले पर चुप्पी साधे रहे और नरोत्तम लगातार अफसरों से जवाब सवाल करते रहे. इस बीच कमल पटेल और गोपाल भार्गव ने भी मिश्रा का समर्थन किया, लेकिन बाकी के मंत्रियों ने प्रोजेक्ट का समर्थन कर इसे पास करवा दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में नाराजगी के कारण सात प्रोजेक्ट के प्रस्तावों को लौटाना पड़ा है.

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इस विवाद के बाद नरोत्तम कैबिनेट बैठक छोड़कर बाहर निकल गए, और उसकी ब्रीफिंग भी नहीं की गई. जिसके बाद नरोत्तम मिश्रा सीधे बीजेपी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्हें मनाने वीडी शर्मा और तुलसी सिलावट पहुंच गए. इस घटनाक्रम के अगले दिन नरोत्तम मीडिया से भी रूबरू हुए और उन्होंने कहा, कि वह किसी से नाराज नहीं है बस उन्होंने संबंधित परियोजनाओं को लेकर अपना सुझाव दिया था.  कहीं कोई नाराजगी नहीं है, सुझाव दिया था, इसे नाराजगी नहीं कह सकते हैं. प्रजातांत्रिक तरीके से सरकार चल रही है.

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