रायपुर। खालिस्तान के समर्थन में रायपुर में रैली निकालने का मुद्दा गुरुवार को विधानसभा में गूंजा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने वक्तव्य में कहा कि जिस तरह से नारा लगाते हुए निकले उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, न ही बक्शा जाएगा. आसंदी ने विपक्ष की मांग पर मुख्यमंत्री के वक्तव्य को प्रस्ताव के रूप में सम्मिलित करने का निर्णय लिया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन के भीतर दिए अपने वक्तव्य में कहा कि कल 30-35 लोग बिना सूचना दिए नारा लगाते हुए निकले थे. जहां तक सिख समाज की बात है तो उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन जिस तरह से नारा लगाते हुए निकले, उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, न ही बक्शा जाएगा.

उन्होंने कहा कि वीडियो खंगाले जाने के लिए प्रशासन को निर्देशित किया गया है. वीडियो खंगाले जा रहे हैं. देश विरोधी गतिविधियों में जो भी शामिल होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. देश विरोधी नारे लगाए होंगे तो कार्रवाई होगी. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में सिर्फ 2 जगहों पर जुलूस निकाला गया है. एक जुलूस पंजाब में और दूसरा छत्तीसगढ़ में. इससे पूरे देश में छत्तीसगढ़ की बदनामी हुई है, इसलिए मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य को प्रस्ताव माना जाए.

तेलीबांधा गुरुद्वारा प्रमुख ने जारी किया बयान

गुरुद्वारा धान-धान बाबा बूढा साहेब जी, तेलीबांधा के प्रमुख हरकिशन सिंह ने बयान जारी कर कहा कि सिख समाज सेवा और परिश्रम में विश्वास रखने वाला समाज है. समाज खालिस्तान की मांग करने वाले किसी भी संगठन या व्यक्ति विशेष का समर्थन नहीं करता है, और इस तरह की मांग की समाज कड़ी निंदा करता है.

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